अहमदाबाद
अहमदाबाद के सत्र न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को पटेल के खिलाफ 2017 में दर्ज आपराधिक मामला वापस लेने की अनुमति दे दी है। उनके अलावा 20 और लोगों को भी अदालत ने रिहा करने की अनुमति दे दी है। खास बात है कि पटेल के खिलाफ भाजपा नेता ही ने केस दर्ज कराया था। पटीदार नेता के खिलाफ अभी भी राजद्रोह समेत कम से कम एक दर्जन मामले दर्ज हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायालय के जज प्रशांत एन रावल ने अपने आदेश में कहा, 'CrPC की धारा 21 के तहत आवेदन को अनुमति देते हुए सत्र न्यायालय FIR में नामित सभी 21 आरोपियों को रिहा करने के आदेश देती है।' अपनी शिकायत में भाजपा के पार्षद परेश पटेल ने आरोप लगाए थे कि हार्दिक और उनके समर्थक उनके घर के सामने जुटे, अंदर प्रवेश किया और परिसर में तोड़फोड़ की थी।
इससे पहले मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने अप्रैल में सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके बाद सरकार ने मामले को लेकर सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। सत्र न्यायाधीश ने यह देखते हुए सरकार को मामला वापस लेने की अनुमति दी कि ऐसा लगता है कि मजिस्ट्रियल कोर्ट का ध्यान आरोपी के पुराने व्यवहार पर ज्यादा था और कानून की बात ठीक तरह से नहीं की गई थी।
PAAS संयोजक पटेल ने 2015 में कोटा को लेकर आंदोलन शुरू किया था, जिसमें पाटीदार या पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में आरक्षण की मांग की गई थी। यह आंदोलन अगस्त 2015 में हिंसक हो गया था और 15 लोगों की मौत हो गई थी। दंगों के दौरान पूरे राज्य में 537 FIR दर्ज हुई थी। उस समय 44.5 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी 12 अप्रैल को हार्दिक को राहत दी थी। शीर्ष अदालत ने दंगा और आगजनी के मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। खास बात है कि इस रोक के बाद वह विधानसभा चुनाव लड़ सकेंगे।