शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में माकपा के एकमात्र विधायक राकेश सिंघा और पार्टी के 11 अन्य नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उनपर चक्काजाम में फंसने के कारण हुई एक मरीज की मौत का आरोप लगा है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि शुक्रवार को 34 किलोमीटर दूर बेखलटी में एनएच-5 पर एक नाकाबंदी से गुजरने नहीं देने की वजह से अस्थमा रोगी की मौत हो गई।
शिमला जिले की ठियोग निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सिंघा और अन्य आरोपी इलाके में अनियमित पानी की आपूर्ति को लेकर विरोध कर रहे थे। विधायक के नेतृत्व में भेखलटी में चक्का जाम किया गया था। इसकी वजह से सड़क पर जाम लगा हुआ था। उनपर आईपीसी की धारा 341, 143 और 304ए के तहत गलत तरीके से रोकने, गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने और लापरवाही से मौत का कारण का मामला दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता सुरेश कुमार ने आरोप लगाया कि वह अपने ससुर सुखचैन सिंह को उनके पैतृक गांव चिरगांव (रोहरू) ले जा रहे थे, जब उनका वाहन फागू से शुरू होने वाले लंबे ट्रैफिक जाम में फंस गया। इसकी वजह नाकाबंदी थी। उन्होंने बताया किउनके ससुर को कुछ घंटे पहले शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से छुट्टी दी गई थी और डॉक्टरों ने उन्हें आपात स्थिति में नजदीकी अस्पताल ले जाने की सलाह दी थी।
माकपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सुरेश ने कहा, 'उन्होंने सांस फूलने की शिकायत की, लेकिन हमारी गाड़ी जाम में फंस गई। बड़ी मुश्किल और 75 मिनट की देरी के बाद पुलिस ने नाकाबंदी पार करने में हमारी मदद की और हम ठियोग के अस्पताल पहुंचे। लेकिन इस देरी की वजह से उनकी मौत हो गई।' सुरेश का कहना है कि अगर समय रहते अस्पताल पहुंच जाते तो ससुर की जान बच सकती थी।