बेंगलुरु
कर्नाटक में कैबिनेट विस्तार की चर्चा पर जल्दी विराम लग सकता है। खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश से वापसी के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई कैबिनेट में विस्तार या बड़े फेरबदल कर सकते हैं। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कर्नाटक के दौर पर पहुंचे हैं। कुछ समय पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी राज्य में पहुंचे थे। भाजपा के बड़े नेताओं के दौरे को विधानसभा चुनाव 2023 से भी जोड़कर देखा जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी के यूरोप दौरे से लौटने के बाद राज्य में कैबिनेट में बदलाव हो सकते हैं। नेताओं और मुलाकातों के बीच शाह ने सीएम बोम्मई, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिनकुमार कटील और पूर्व सीएम बीएस येडियुरप्पा के साथ लंच किया था। खास बात है कि उन्होंने इस दौरान भाजपा की कोर कमेटी की बैठक टाल दी थी।
खबर है कि शाह ने अंतिम समय में राज्य में भाजपा के पदाधिकारियों और अलग-अलग मोर्चों के नेताओं के साथ मीटिंग रद्द कर दी थी। पार्टी के कई सांसद और विधायक उम्मीद कर रहे थे कि शाह कैबिनेट विस्तार या नेतृत्व में बदलाव को लेकर संकेत देंगे। शाह के कर्नाटक दौरे की शुरुआत राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के साथ हुई थी, लेकिन येडियुरप्पा ने इसे खारिज कर दिया था।
विपक्ष पर निशाना
बेंगलुरु में शाह ने कई कार्यक्रमों में शिरकत की। उन्होंने सुरक्षा उपायों में ढिलाई बरतने के लिए कांग्रेस के पुरानी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, 'पहले जब भी पाकिस्तान समर्थित चरमपंथियों की तरफ से आतंकवादी हमले किए जाते थे, तो भारत केवल बयान जारी करता था, लेकिन नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद चीजें बदली हैं। पहले अमेरिका और इजरायल ही उनकी सीमा और सेना के साथ दखल देने वालों को जवाब देत थे। अब भारत भी इस समूह में शामिल हो गया है।' उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद उरी (2016) और पुलवामा (2019) में आतंकी हमले हुए। शाह ने कहा, 'हमने पाकिस्तान के अंदर 10 दिनों के भीतर सर्जिकल स्ट्राइक्स और एयर स्ट्राइक्स के जरिए जवाब दिया… कुछ लोगों ने सवाल किया इसका कोई भी प्रभाव कैसे रहा। मैं उन्हें कहता हूं कि इसका बहुत प्रभाव है। अब पूरी दुनिया जानती है कि कोई भी भारतीय सीमाओं पर दखल नहीं दे सकता, नहीं तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।'