नई दिल्ली
राज्यसभा के 12 निलंबित सांसदों के मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर विपक्ष के तेवर नरम पड़ेने के आसार नहीं दिख रहे। सरकार की बेठक का बहिष्कार करने के बाद विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा कि 12 सांसदों के मुद्दे पर चर्चा के लिए चार विपक्षी दलों को केंद्र का निमंत्रण विपक्ष को विभाजित करने की साजिश थी। पत्रकारों से बात करते हुए खड़गे ने कहा, ' सरकार ने 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन पर चार विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। यह विपक्ष को विभाजित करने की साजिश है। इस मुद्दे पर सभी विपक्षी दल एकजुट हैं। हमने सरकार को पत्र लिखकर सर्वदलीय बैठक बुलाने को कहा है।'
लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि संसद चलाना सरकार पर निर्भर करता है। चौधरी ने कहा कि यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह लोकसभा को कैसे चलाना चाहती है। सरकार ने हमें किसी बैठक के लिए नहीं बुलाया है क्योंकि मामला राज्यसभा का है। चौधरी ने कहा कि विपक्ष लखीमपुर खीरी मुद्दे पर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे का मुद्दा उठाएगा।संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद के कामकाज में गतिरोध पैदा करने के लिए विपक्ष की आलोचना की है। उन्होंने कहा, 'निलंबित सांसदों का मुद्दा है इसलिए हम निलंबित पार्टियों के नेताओं के साथ बात करके हल निकालना चाहते थे। आप संविधान दिवस का बहिष्कार करते हैं, लोग आपका ही बहिष्कार कर रहे हैं अब तो समझ लो। बहिष्कार करने की ये क्या नई परंपरा है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में अपनी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की और विभिन्न मुद्दों और चल रहे शीतकालीन सत्र के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की। बैठक में राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर, किरेन रिजिजू और अन्य सहित केंद्रीय मंत्री मौजूद थे।विपक्षी दलों ने संसद के जारी शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में गतिरोध खत्म करने के लिए सरकार की ओर से बुलाई गई बैठकों में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। सुबह विपक्षी दलों की बैठक के बाद शिवसेना सांसद संजय ने कहा, 'हम सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होंगे। हम गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के इस्तीफे और राज्यसभा में 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग करेंगे। हम संसद के दोनों सदनों को चलने नहीं देंगे।