भोपाल
उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं के दायित्व अब कम हो सकते हैं। दरअसल ये ऐसे पदाधिकारी हैं, जिन पर एक से ज्यादा पद पीसीसी ने दिए हैं। शिविर में तय हुए फार्मूले के अनुसार कांग्रेस में अब एक व्यक्ति एक ही पद पर रह सकेंगे। इसके चलते प्रदेश में आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं को अपने दूसरे पद से हटाया जा सकता है।
चिंतन शिविर से ठीक पहले कमलनाथ ने भी एक व्यक्ति एक पद पर अमल करते हुए नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ दिया था, ताकि जब वे इस फार्मूले पर काम करें तो उन पर कोई उंगली न उठा सके। अब ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही वे अन्य पदाधिकारियों से भी अपनी स्वैच्छा से एक ही पद रख कर बाकी के पद से इस्तीफा देने का कह सकते हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस में कई नेता ऐसे हैं जिन के पास दो से तीन पद हैं। कुछ विधायकों के पास भी संगठन में दायित्व हैं और इनके पास भी दो से तीन पद हैं।
इन पर ज्यादा पद
विधायक एवं पूर्व मंत्री जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष होने के साथ ही मीडिया विभाग के अध्यक्ष हैं। बाला बच्चन विधायक होने के साथ ही कार्यकारी अध्यक्ष हैं, वे बाल कांग्रेस के प्रभारी भी हैं। सुरेंद्र चौधरी प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष होने के साथ ही अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष हैं। जेपी धनोपिया प्रवक्ता के साथ ही सभी प्रकोष्ठ के कोर्डिनेटर होने के साथ ही चुनाव संबंधी लीगल सेल के इचार्ज हैं। विभा पटेल महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही प्रदेश प्रवक्ता भी हैं। वहीं कई प्रवक्ताओं पर महामंत्री जैसा पद भी है।