चंडीगढ़
पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections 2022) के बिगुल बज चुके हैं। राजनीतिक दलों के द्वारा धीरे-धीरे उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी की जा रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) इस मामले में आगे चल रही है। हालांकि उसने भी अभी तक पटियाला विधानसभा सीट के लिए अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जहां से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनाव लड़ने की घोषणा की है। आपको बता दें कि पटियाला सीट पर करीब 20 वर्षों से कैप्टन अमरिंदर सिंह का कब्जा है। 2002 से लेकर 2014 तक लगातार वह यहां से विधायक रहे। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में में अमृतसर सीट पर बीजेपी के अरुण जेटली को मात देने के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
पटियाला सीट पर है कैप्टन का दबदबा
2014 में इस्तीफा देने के बाद उन्होंने उपचुनाव में अपनी पत्नी प्रिनीत कौर को यहां से लड़ाया। प्रिनीत कौर भी चुनाव जीतने में सफल रहीं। वह 2014 से 2017 तक यहां से विधायक रहीं। इसके बाद जब राज्य में 2017 में विधानसभा चुनाव हुए तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फिर दांव आजामाया। उन्होंने ना सिर्फ अपनी सीट जीती, बल्कि उनकी तत्कालीन पार्टी यानी कांग्रेस को भी बहुमत मिली। अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने।
2022 का क्या है हाल?
कैप्टन अमिरंदर सिंह की राह अब कांग्रेस से अलग हो चुकी है। उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया है, जिसका गठबंधन भारतीय जनता पार्टी से हुआ है। आपके बता दें कि 2017 के चुनाव में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने वाली शिरोमणि अकाली दाल ने एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया है।
कैप्टन के सामने होंगे सिद्धू?
कांग्रेस ने फिलहाल पटियाला सीट से अपने उम्मीदवार के नाम नहीं तय किए हैं। हालांकि, कांग्रेस की एक धरा का मानना है कि नवजोत सिंह सिद्धू को यहां से कैप्टन को चुनौती देनी चाहिए। हालांकि, इसको लेकर फैसला पार्टी आलाकमना को तय करना है। खबर है कि इस सप्ताह के अंत तक कांग्रेस पार्टी अपने कैंकिडेट के नाम की घोषणा कर सकती है। आपको बता दें कि शिरोमणि अकाली दल ने इस चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम तय कर लिए हैं। हरपाल जुनेजा को मैदान में उतारा है।
2017 में क्या थी स्थिति?
पटियाला सीट पर कैप्टन अमरिंदर सिंह का दबदबा रहा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 68.98 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। उन्होंने अपने निकटमत प्रतिद्वंदी बलबीर सिंह को 52 हजार से अधिक मतों से चुनाव हराया था। आपको बता दें कि कैप्टन को कुल 72586 मत मिले थे। वहीं, बलबीर सिंह को सिर्फ 20,179 वोट मिले। अकाली दल के जेनरल जेजे सिंह को महज 11,677 मतों से संतोष करना पड़ा था।