चंडीगढ़
पंजाब के ऐडवोकेट जनरल अनमोल रतन सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपना इस्तीफा भेज दिया है। इस साल मार्च में नई सरकार बनने के बाद उन्हें राज्य का ऐडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया था। चन्नी सरकार में डीएस पटवालिया महाधिवक्ता थे। अनमोल रतन ने उनकी जगह ली थी। बताया जा रहा है कि विनोद घई नए एजी होंगे। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के चार महीने के अंदर ही दूसरे वरिष्ठ अधिकारी ने इस्तीफा दिया है। इससे पहले पुलिस चीफ वीके भावरा ने अपना इस्तीफा दे दिया था।
अनमोल रतन सिद्धू ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है। उन्होंने इस्तीफा देते हुए भगवंत मान का आभार भी जताया है। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मुख्य आरोपी लॉरेंस बिश्नोई को तिहाड़ जेल से पंजाब पुलिस की कस्टडी में लाने में उनकी बड़ी भूमिका थी। उन्होंने कहा था कि जब वह दिल्ली की कोर्ट में सुनवाई के लिए गए थे तो लौटते वक्त उनपर भी हमला किया गया था। सिद्धू ने अपने इस्तीफे की कोई वजह नहीं बताई है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि कुछ आईएएस अधिकारियों से उनकी बहस हो गई थी इसी वजह से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। हालांकि यह नहीं पता चला कि किस मुद्दे को लेकर उनमें बहस हुई थी। राज्य सरकार के शीर्ष वकील का इस्तीफा देना पंजाब की भगवंत मान सरकार को झटका बताया जा रहा है।
एक वकील के तौर पर अनमोल रतन सिद्धू का लंबा और सफल करियर रहा है। वह भारत के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल और पंजाब एवं हरियाणा के अडिशनल ऐडवोकेट जनरल रह चुके हैं। पंजाब का ऐडवोकेट नियुक्त होने के बाद उन्होंने वेतन के तौर पर केवल एक रुपये लेने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि उनकी वेतना का रुपया नशे के आदी लोगों के पुनर्वास में लगा दिया जाए। वह पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट बार असोसिएशन के आठ बार अध्यक्ष रह चुके हैं।