नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने अपनी नागालैंड इकाई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। JDU ने यह फैसला नागालैंड में अपने एकमात्र विधायक के पार्टी से बिना परामर्श किए भाजपा गठबंधन वाली सरकार को बगैर शर्त समर्थन देने के बाद लिया है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हमारी पार्टी के नागालैंड राज्य अध्यक्ष ने जदयू के केंद्रीय नेतृत्व से राय-मशवरा किए बिना ही नागालैंड के मुख्यमंत्री को समर्थन पत्र दे दिया है, जो कि उच्च अनुशासनहीनता और मनमाना कदम है। इसलिए जदयू ने नगालैंड में पार्टी की राज्य इकाई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।
कल मुख्यमंत्री रियो से JDU विधायक
दरअसल, नागालैंड JDU अध्यक्ष सेन्चुमो लोथा और उनकी पार्टी के इकलौते विधायक ज्वेंगा सेव ने कल 8 मार्च को मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद उन्होंने एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन वाली सरकार को अपना समर्थन पत्र सौंप दिया था। इन्होंने कहा है कि हमने नागालैंड के स्थानीय मुद्दों के आधार पर रियो सरकार का समर्थन किया है।
नागालैंड चुनाव में JDU को मिली एक सीट
गौरतलब है कि जदयू ने नागालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा के हाल ही में हुए चुनाव में एक सीट हासिल की थी। माना जा रहा है कि जदयू के शीर्ष नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी पार्टी की नगालैंड इकाई के इस कदम से फजीहत का सामना करना पड़ रहा है।