भोपाल
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के हाथ से सत्ता छीन कर भाजपा की झोली में डालने में अहम भूमिका निभाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की राज्य की सत्ता में लगातार हिस्सेदारी बढ़ती जा रही है. यही कारण है कि उनके समर्थकों को बड़ी जिम्मेदारियां सौंपने का दौर जारी है.
राज्य में कांग्रेस की सरकार लगभग 15 माह रही और सिंधिया की नाराजगी के चलते कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी क्योंकि सिंधिया ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया था. भाजपा के सत्ता में आते ही सिंधिया के साथ आए पांच बागियों को शिवराज सरकार के पहले विस्तार में स्थान मिला.
ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पांच सिपहसालोरों को शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल में जगह दिलाने के बाद सिंधिया खुद केंद्रीय मंत्री बने. समय के साथ सिंधिया का सियासी कद राज्य की राजनीति में लगातार बढ़ रहा है. पहले भाजपा संगठन में सिंधिया के समर्थकों को स्थान दिया गया और अभी निगम मंडलों में भी सिंधिया समर्थकों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
उपचुनाव हार गए समर्थकों को भी दिलाई रेवड़ी
सिंधिया की एमपी की राजनीति में बढ़ती हिस्सेदारी इसी से देखी जा सकती है कि बीते कुछ समय से निगम मंडलों की नियुक्ति को लेकर खींचतान का दौर जारी था उसमें भी उन्होंने अपने समर्थकों को स्थान दिलाने में कोई कोर कर नहीं छोड़ी. बड़े मंथन के बाद निगम-मंडलों में 25 नियुक्तियां की गई हैं इनमें सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए सात लोगों को भी समायोजित किया गया है. यह वह लोग हैं जो विधानसभा के उपचुनाव हार गए थे. सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर आए एंदल सिंह कंसाना, इमरती देवी ,गिर्राज दंडोतिया, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव, मुन्नालाल गोयल, रघुराज कंसाना को निगम मंडलों में स्थान मिला है. खास बात यह है कि यह सभी लोग ग्वालियर-चंबल इलाके से आते हैं.
सिंधिया की एमपी की राजनीति में बढ़ती हिस्सेदारी को भाजपा नकार रही है
सिंधिया के समर्थकों के निगम मंडलों में बड़ी जिम्मेदारी देने को भाजपा सामान्य प्रक्रिया मानती है. भाजपा नेताओं का कहना है कि अब सिंधिया समर्थक भाजपा में हैं और भाजपा में किसी गुट को नहीं पार्टी कार्यकर्ता को प्रतिनिधित्व दिया जाता है. यह नियुक्तियां भी उसी तरह है.
भाजपा में सत्ता की मलाई केवल गद्दारों और मौकापरस्त को: कांग्रेस
दूसरी ओर कांग्रेस सिंधिया समर्थकों को स्थान दिए जाने को लेकर हमलावर है. कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि सौदेबाजी की सरकार में केवल मौकापरस्तों को ही सत्ता सुख और लाभ के पद मिलते हैं. पहले आधे से ज्यादा मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों को जगह दे दी गई. भाजपा के वरिष्ठ नेता तरसते रह गए. अब जब निगम मंडलों की बारी है तो वहीं सिंधिया समर्थक जिन्हें विधानसभा उपचुनाव में टिकट भी दिया गया, उपचुनाव में जनता ने नकार दिया, उन्हीं लोगों को निगम मंडलों में अध्यक्ष बनाया जा रहा है. उनको केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा रहा है. भाजपा के निष्ठावान समर्पित कार्यकर्ता केवल टाट,पट्टी झंडे उठा रहे हैं, अब बदली हुई भाजपा में सत्ता की मलाई केवल गद्दारों और मौकापरस्त को दी जाती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता सब देख रही है 2023 में इन सौदेबाजी को बेदखल करेगी.