
भोपाल
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस ने गठन के साथ ही विवादों में घिरी मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष डा. अर्चना जायसवाल को भी पार्टी ने हटा दिया, लेकिन चार वरिष्ठ उपाध्यक्षों को बरकरार रखा गया है। संगठन की राष्ट्रीय महासचिव प्रदेश प्रभारी ओनिका मेहरोत्रा ने बताया कि जल्द ही संगठन को लेकर निर्णय लिया जाएगा। महिला कांग्रेस पर निष्क्रियता और पद बांटने पर कई तरह की शिकायतें सामने आई थीं।
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस ने 30 जनवरी को मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी की घोषणा की थी। 24 घंटे बीतने के पहले ही विवाद प्रारंभ हो गया था। महामंत्री बनाई गई सोनिया अतुल शुक्ला ने यह कहते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था कि मैं 15 साल पहले महामंत्री थी और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी संभाल रही हूं, इसलिए महामंत्री पद के साथ न्याय नहीं कर पाऊंगी। उनके इस्तीफे के बाद अन्य जगह से भी विरोध के स्वर उठने लगे थे।
इसे देखते डा. अर्चना जायसवाल ने प्रदेश कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की सूची को रोक दिया था। किसी भी पदाधिकारी को नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए थे। साथ ही असंतोष से निपटने के लिए प्रदेश प्रभारी की सहमति से प्रदेश उपाध्यक्ष नीता शरद तिवारी, पुष्पा शर्मा और यास्मिन शेरानी की अनुशासन समिति बना दी थी। सभी पदाधिकारियों से कहा गया था कि किसी को कोई भी आपत्ति हो तो समिति को लिखित में आवेदन कर सकती हैं। इस कवायद के बीच पिछले सप्ताह नियुक्ति आदेश भी जारी कर दिए गए।
महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद पर इतना संघर्ष क्यों है
उज्जैन की महिला नेता नूरी खान पार्टी में महत्वपूर्ण पद चाहती हैं। पिछले दिनों उन्होंने कमलनाथ को एक्सपोर्ट करते हुए इस्तीफा दे दिया था। फिर दोनों के बीच सौदा हुआ। बताया जाता है कि नूरी खान ने महिला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद का आश्वासन मिलने के बाद इस्तीफा वापस लिया था। माना जा रहा है कि अब नूरी खान को महिला कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा, और कमलनाथ की अनुमति के बाद ही महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी का निर्धारण उपाय।