चंडीगढ़।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान हुई सुरक्षा में चूक को लेकर भी कांग्रेस बिखरी-बिखरी नजर आ रही है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जहां इसे कोई चूक नहीं मानते हैं वहीं, उनकी ही पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इसे दुर्भायपूर्ण करार दिया है। उन नेताओं में पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और राज्यसभा सांसद मनीष तिवारी जैसे नाम शामिल हैं। पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर कांग्रेस और भाजपा में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के अंदर भी अलग-अलग राय हैं। पार्टी के कई नेता अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में पार्टी की मुश्किल बढ़ सकती है।
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ के बाद लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने भी पार्टी लाइन से अलग अपनी बात रखी है। मनीष ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग की है।
मनीष तिवारी ने माना दुर्भाग्यपूर्ण
मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक का मामला दुर्भाग्यपूर्ण था। ऐसा नहीं होना चाहिए था। वह बेहद बारीकी से पूरे विवाद को देख रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, ''प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर संसद में एक कानून बना है, जिसे एसपीजी एक्ट कहा जाता है। 2019 में इस एक्ट में संशोधन किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक एक संवेदनशील मामला है। इसे राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनाना चाहिए। सही तथ्यों को सामने लाने के लिए हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से मामले की जांच करानी चाहिए।''
पंजाब सरकार ने बनाई है कमेटी
मनीष तिवारी की यह टिप्पणी उस वक्त आई है, जब पंजाब सरकार न्यायमूर्ति (सेवानितृत्त) महताब सिंह गिल और अनुराग वर्मा की समिति बना चुकी है। मालूम हो कि इससे पहले पार्टी नेता सुनील जाखड़ भी इस मुद्दे पर चन्नी सरकार को घेर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि पंजाब में जो कुछ हुआ, वह स्वीकार्य नहीं है। प्रधानमंत्री को रैली स्थल तक पहुंचने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया जाना चाहिए था।
जाखड़ ने कहा था यह पंजाबियत के खिलाफ
पंजाब के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने बुधवार को कहा था कि फिरोजपुर की रैली के लिए प्रधानमंत्री को सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, ''आज जो हुआ, वह अस्वीकार्य है। यह पंजाबियत के खिलाफ है। देश के प्रधानमंत्री को फिरोजपुर में भाजपा की रैली को संबोधित करने के लिए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाना चाहिए था। इसी तरह लोकतंत्र कार्य करता है।''
चन्नी ने बताया इसे प्रधानमंत्री की नौटंकी
प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे के दौरान ''सुरक्षा चूक'' को लेकर भाजपा की आलोचना का सामना कर रहे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी की ''जान को खतरे की नौटंकी'' का उद्देश्य राज्य में ''लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को गिराने" का है। चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के एक सम्मानित नेता हैं, लेकिन उनके कद के नेता को इस तरह की ''घटिया नौटंकी'' में शामिल होना शोभा नहीं देता।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मोदी की जान को कोई खतरा नहीं था, बल्कि फिरोजपुर में भाजपा की रैली में लोगों की संख्या कम होने के कारण उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि रैली स्थल पर खाली कुर्सियों के कारण प्रधानमंत्री "सुरक्षा खतरे के तुच्छ कारण" का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजधानी वापस चले गए। चन्नी ने आरोप लगाया कि जिस "झूठे बहाने" पर प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा रद्द की, वह ''पंजाब को बदनाम करने और राज्य में लोकतंत्र की हत्या करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है जैसा कि पूर्व में जम्मू कश्मीर में किया गया।''
फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में बुधवार को सड़क मार्ग से जाते समय ''सुरक्षा में गंभीर चूक'' होने के कारण एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे। दरअसल, कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया था। इसके चलते, उनके काफिले ने लौटने का फैसला किया। इस घटना पर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पंजाब सरकार से इस चूक के लिए एक रिपोर्ट मांगी है और इसके लिए जिम्मेदार रहे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई को कहा है।