नवरात्रि के पहले दिन बना इंद्र योग, जानिए ज्योतिष शास्त्र में इसका महत्व

नई दिल्ली

चैत्र नवरात्रि आज यानी 2 अप्रैल, शनिवार से प्रारंभ हो चुके हैं। नवरात्रि के नौ दिन मां आदिशक्ति की उपासना करने वालों के लिए बेहद खास होते हैं। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि में घटस्थापना की जाती है। कलश स्थापना के बाद मां दुर्गा का आवाहन किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की उपासना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भक्त मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपवास भी रखते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि पर ग्रह-नक्षत्रों व शुभ योग की स्थिति के कारण सभी 12 राशियों को विशेष लाभ होगा।

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन बना इंद्र योग-

वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक इंद्र योग रहा। इसके बाद वैधृति योग शुरू हो चुका है। इंद्र योग को ज्योतिष शास्त्र में शुभ माना जाता है, जबकि वैधृति अशुभ योगों में गिना जाता है।
 

इंद्र योग का महत्व-

अगर आपका कोई काम लंबे समय से अटका हुआ है, तो इस योग में प्रयास करने से सफलता मिलती है। लेकिन ऐसे काम दोपहर या शाम के समय ही करने चाहिए। रात को ऐसे कार्य करने की मनाही होती है।

नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि कब तक?

नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 2 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगी, इसके बाद द्वितीया तिथि शुरू होगी।

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नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-

नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को लाल रंग अतिप्रिय है। माता रानी को नवरात्रि के पहले दिन दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए।

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