देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं तो जाहिर है इन्हें धन के बजाय अपनी श्रद्धा अर्पित करके ही खुश कर सकते हैं.
धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन और न जाने क्या-क्या खरीदते हैं. लेकिन इस दिन श्रयंत्र की खरीदारी करना बेहद शुभ होता है.
दिवाली के दिन श्रीयंत्र की पूरे भक्ति भाव के साथ स्थापना करें. यह यंत्र देवी लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है. इसकी पूजा से मन शांत और एकाग्रचत होता है. सकारात्मक उर्जा का संचार होता है जिससे जीवन में सकारात्मकता आती है.
इसे विज्ञान में भी शक्तिशाली यंत्र माना गया है. दीपावली के दिन देवी लक्ष्मी के साथ इस यंत्र की भी स्थापना कर पूजा करें. ऐसा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. श्रीयंत्र खरीदते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि बाजार में कई नकली श्रीयंत्र भी हैं ऐसे में असली श्रीयंत्र की पहचान होना बहुत जरूरी है.
श्रीयंत्र के असली होने की पहचान यह है कि इसमें 9 बड़े त्रिभुज और 43 लघु त्रिभुज होते हैं. श्रीयंत्र की स्थापना दिवाली के दिन करना शुभ होता है. वैसे इसकी स्थापना का सबसे शुभ समय गुरु या रवि पुष्य योग है.
श्री यंत्र की स्थापना कर पूजा कर रहे हैं तो सबसे पहले अपने मन का लोभ त्याग दें. क्योंकि किसी भी तरह का मन में लोभ या लालच रहने पर आपकी पूजा व्यर्थ जायेगी. मन का स्वच्छ होना बहुत जरूरी है.
दिवाली के दिन श्री यंत्र की स्थापना लक्ष्मी पूजा के समय ही करें. श्रीयंत्र की स्थापना के दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ स्थापना करें. श्री यंत्र की स्थापना महालक्ष्मी के साथ कभी नहीं करनी चाहिए.
श्री यंत्र को ऐसी जगह रखना चाहिए जहां से उसके सभी त्रिभुज स्पष्ट रूप से नजर आयें. श्रीयंत्र को एक लाल कपड़े पर रखें. पंचामृत अर्पित करने के बाद गंगाजल से साफ करें और तिलक एवं अक्षत लगाकर श्रीयंत्र पूजा शुरू करें.
shri yantra iअब श्रीयंत्र को सिद्ध करने के लिए ओम श्री मंत्र का जाप 108 मनकों की माला 1 बार या 21 बार जाप करें. दिवाली के दिन इसकी स्थापना करने के बाद हर दिन इस मंत्र का जाप करें.
श्रीयंत्र की पूजा विधि में श्रीयंत्र को अच्छी तरह से देखना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. यानी पूजा के समय आपको श्रीयंत्र के सभी त्रिभुजों को अच्छी तरह से आंखों से देखना चाहिए. इस दौरान श्रीयंत्र से निकलने वाली ऊर्जा मन को पवित्र करती है और व्यक्ति को अंदर से शांति और सुख की अनुभूति होती है.
घर में श्री यंत्र हमेशा इतनी ऊंचाई पर रखें कि उसका लेवल आपकी आंखों के बराबर हो और आप उसे अच्छी तरह से देखे पायें. श्रीयंत्र को घर के उत्तर-पूर्व दिशा में ही रखा जाना चाहिए.