गंगा दशहरा के दिन जलदान का महत्व, लोग गर्मी में शर्बत पिलाकर कमाते हैं पुण्य

 नई दिल्ली
 
गंगा दशहरा नौ जून को है। कहा जाता है कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। उन्होंने राजा भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। इसलिए इस दिन गंगा में स्नान और दान का बहुत अधिक पुण्य माना जाता है। इसलिए इस दिन जो भी कुछ दान करें उसे 10 की संख्या में करें।कहते हैं कि इस दिन जो लोग गंगा में स्नान करते हैं, उनके सभी पाप धुल जाते हैं। इस दिन तरबूज, खरबूज, आम, पंखा, शर्बत, मटका आदि के दान का खास महत्व है। इस दिन जगह-जगह शर्बत की छबील भी लगाकर लोगों को शर्बत बांटा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन गर्मी में प्यासे को पानी या शर्बत मिलाकर पिलाने से बहुत अधिक पुण्य मिलता है।

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का प्रारंभ नौ जून को सुबह 8:21 मिनट पर होगा और इसका समापन 10 जून को सुबह 7: 25 मिनट पर होगा। गंगा दशहरा के दिन जो भी व्यक्ति विधि-विधान से गंगा नदी में या किसी भी पवित्र नदी में स्नान कर अपनी श्रद्धा के अनुसार दान करता है उसे कई महायज्ञों के समान पुण्य भी प्राप्त होता है।

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