श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। इस बार कामिका एकादशी 24 जुलाई, रविवार को है। सावन के महीने में शिव जी की पूजा के साथ विष्णु जी की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। जो भी व्यक्ति इस एकादशी के दिन व्रत और पूजा करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्वयं भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को कामिका एकादशी के व्रत और पूजा के महत्व के बारे में बताया था।
सावन की पहली एकादशी यानी कामिका एकादशी पर इस बार 3 शुभ योग बन रहे हैं। आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
शुभ मुहूर्त
शनिवार , 23 जुलाई, 2022 को 11 बजकर 28 मिनट पर एकादशी तिथि की शुरुआत हो जाएगी। रविवार, 24 जुलाई, 2022 को 1 बजकर 46 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त हो जाएगी। उदयातिथि के अनुसार 24 जुलाई को कामिका एकादशी का व्रत रखा जाएगा। सोमवार, 25 जुलाई, 2022 सुबह 5 बजकर 39 मिनट से 8 बजकर 23 मिनट तक व्रत के पारण का समय होगा।
पवित्र नदियों मे स्नान करें
इस दिन लोग पवित्र नदियों और कुंड में स्नान करते हैं। कहा जाता है ऐसा करने से सारे पाप मिटते और अश्वमेध यज्ञ जितना फल प्राप्त होता है।
कामिका एकादशी का महत्व
पुराणों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि इस व्रत को करने से सभी तीर्थ स्थलों पर स्नान करने के समान पुण्य मिलता है। इसके अलावा इस एकादशी की पूजा और व्रत एक हजार गौ दान के बराबर होता है। सच्चे और साफ मन से विष्णु जी की पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
विष्णु जी को चढ़ाएं ये चीजें
कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते जरूर चढ़ाएं। इससे भगवान बेहद प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बरसती है। इस दिन पीला वस्त्र धारण करना चाहिए। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। ब्राह्मणों को भोजन करवाने के साथ दान करना न भूलें।
कामिका एकादशी शुभ योग
कामिका एकादशी के दिन प्रात:काल से वृद्धि योग शुरू हो जाएगा। इसके बाद ध्रुव योग लगेगा और फिर इसी दिन द्विपुष्कर योग भी लग रहा है। कामिका एकादशी को रोहिणी नक्षत्र रात्रि 10 बजे तक है और उसके बाद से मृगशिरा नक्षत्र का आरंभ होगा।