15 अक्टूबर से नवरात्रि, हाथी पर आएगी मां भगवती, कब होगी घट स्थापना जानिए…

संपूर्ण भारत में नवरात्रि का पर्व बहुत ही खास माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में माता के 9 रूपों की पूजा की जाती है। बालाजी ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र सीहोर के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से प्रारंभ होने जा रही है और समापन 24 अक्टूबर को होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है।

शारदीय नवरात्रि का महत्व-
ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि नवरात्रि साल में 4 बार आती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन। अश्विन की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के वातावरण से तमस का अंत होता है, नकारात्मक माहौल की समाप्ति होती है। शारदीय नवरात्रि से मन में उमंग और उल्लास की वृद्धि होती है। दुनिया में सारी शक्ति नारी या स्त्री स्वरूप के पास ही है, इसलिए नवरात्रि में देवी की उपासना ही की जाती है और देवी शक्ति का एक स्वरूप कहलाती है, इसलिए इसे शक्ति नवरात्रि भी कहा जाता है। पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिसे नवदुर्गा का स्वरूप कहा जाता है। हर स्वरूप से विशेष तरह का आशीर्वाद और वरदान प्राप्त होता है, साथ ही साथ आपके अशुभ ग्रहों की अनिष्ठा का समापन भी होता है। इस बार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से आरंभ होने जा रही है और समापन 24 अक्टूबर को होगा और दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है।

मां दुर्गाजी की हाथी है सवारी-
ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि इस वर्ष मां हाथी पर सवार होकर आ रही है। ऐसे में इस बात के प्रबल संकेत मिल रहे हैं कि इससे सर्वत्र सुख संपन्नता बढ़ेगी, इसके साथ ही देशभर में शांति के लिए किए जा रहे प्रयासों में सफलता मिलेगी, यानी कि पूरे देश के लिए यह नवरात्रि शुभ साबित होने वाली है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पर्व पर मां भगवती हाथी पर सवार होकर आ रही है। इसे देवी दुर्गाजी का शुभ वाहन माना जाता है। कहते हैं कि जब पृथ्वी पर माता हाथी की सवारी पर आती हैं तो भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। 9 दिन में किए हर काम में सफलता मिलती है। बालाजी ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र सीहोर के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि माताजी की सवारी वार पर निर्भर करती है। नवरात्रि के पहले दिन यानी 15 अक्टूबर 2023 को रविवार है। रविवार पर मां का आगमन हाथी पर होता है। हाथी के अलावा मां अंबे का डोली, सिंह, घोड़ा, नाव भी वाहन है। ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि इस दौरान जो देवीजी की सच्चे मन से भक्ति करता है उसका बेड़ा पार हो जाता है। मान्यता है कि जो साधक नियम का पालन करते हुए 9 दिन तक, नवचंडी पाठ, देवी जी के मंत्रों का जाप और ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चौ रोजाना जाप करता है, उसे शत्रु और ग्रह बाधा की पीड़ा से मुक्ति मिलती है, कार्य बिना रुकावट पूरे होते हैं। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। बालाजी ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र सीहोर के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि 22 अक्टूबर 2023 को है, वहीं नवमी तिथि 23 अक्टूबर 2023 को है। इन दोनों दिनों में कन्या पूजन किया जाता है। कहते हैं इसके बिना 9 दिन की पूजा अधूरी मानी जाती है।

शारदीय नवरात्रि घटस्थापना समय-
शास्त्रों में बताया गया है कि शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर घटस्थापना मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त के दौरान तय होता है। घट स्थापना का समय निश्चित चित्रा नक्षत्र के दौरान ही होता है। ऐसे में इस दिन चित्रा नक्षत्र 14 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 24 मिनट से 15 अक्टूबर शाम 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 4 मिनट से सुबह 11 बजकर 50 मिनट के बीच रहेगा, इसलिए घटस्थापना पूजा भी इसी अवधि में की जाएगी।

शारदीय नवरात्रि 2023-
15 अक्टूबर 2023- मां शैलपुत्री की पूजा
16 अक्टूबर 2023- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
17 अक्टूबर 2023- मां चंद्रघंटा की पूजा
18 अक्टूबर 2023- मां कूष्मांडा की पूजा
19 अक्टूबर 2023- मां स्कंदमाता की पूजा
20 अक्टूबर 2023- मां कात्यायनी की पूजा
21 अक्टूबर 2023- मां कालरात्रि की पूजा
22 अक्टूबर 2023- मां सिद्धिदात्री की पूजा
23 अक्टूबर 2023- मां महागौरी की पूजा
24 अक्टूबर 2023- विजयदशमी (दशहरा)

पंडित सौरभ गणेश शर्मा, ज्योतिषाचार्य, बालाजी ज्योतिष अनुसंधान एवं परामर्श केंद्र शास्त्री कॉलोनी स्टेशन रोड सीहोर
मोबाइल नंबर 9229112381