पौष पुत्रदा एकादशी कल, जानिए पूजन विधि, शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली

पौष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं। इस एकादशी को वैकुण्ठ एकादशी और मुक्कोटी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, योग्य संतान की प्राप्ति के लिए इस व्रत को उत्तम माना जाता है। कहते हैं कि इस व्रत के प्रभाव से संतान को संकटों से मुक्ति मिलती है।

पुत्रदा एकादशी व्रत 13 जनवरी को-

हिंदू पंचांग के अनुसार, 13 जनवरी 2022, गुरुवार को पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। एकादशी तिथि  12 जनवरी को शाम 04 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 13 जनवरी को रात 07 बजकर 32 मिनट तक रहेगी।

 

पुत्रदा एकादशी पारण का समय-

14 जनवरी 2022, शुक्रवार को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 21 मिनट तक एकादशी व्रत पारण का शुभ समय है। पारण तिथि के दिन द्वादशी तिथि 14 जनवरी को रात 10 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी।
 

एकादशी पूजा- विधि-

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

Exit mobile version