
पूरे देश में होली की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन रंगों से होली खेली जाती है। इस बार 17 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 18 मार्च को होली खेली जाएगी। होली की रात को सिद्धि रात्रि भी कहा जाता है यानी इस रात को किए गए तंत्र उपाय जल्दी ही सिद्ध हो जाते हैं। कहा जाता है कि होलिका दहन की राख से कई सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं होलिका दहन की राख का उपयोग किन-किन चीजों के लिए किया जाता है…
होली की राख बहुत पवित्र मानी जाती है। इसे घर में रखने से राहु, केतु की बुरी दृष्टि दूर रहती है। साथ ही घर में बीमारियों का वास भी नहीं होता है।
होलिका दहन के दूसरे दिन सुबह जाकर होली की राख घर पर ले आए। इसमें नमक और राई मिलाकर रखें। इससे बुरी नजर और सायें को दूर रखा जा सकता है। यह नजर दोष में भी बहुत कारगर होती है।
यदि आपके घर में कोई हमेशा बीमार रहता है तो उस बीमार व्यक्ति के शरीर पर होलिका दहन की राख छिड़कने से और उसके बिस्तर और उसके इस्तेमाल की चीजों पर इस राख को लगाने से आराम मिलता है।
अगर आपके घर में कुछ समय से बुरा वक्त चल रहा है। जैसे- लड़ाई, झगड़े, क्लेश या फिर पैसों की तंगी और आप इससे छुटकारा चाहते हैं, तो होली की राख को घर में लेकर आए और इससे एक साफ पोटली में बांधकर किसी साफ और स्वच्छ जगह पर रख दें। इससे नेगेटिविटी दूर होती है और घर में सकारात्मकता आती है।
अगर आपकी कुंडली में किसी प्रकार का दोष है और कोई काम बनते-बनते हमेशा रह जाता है, तो होलिका दहन की राख को ठंडा होने के बाद घर लाए और इसे पानी में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और आपको मनचाहा फल देते हैं।
होलिका दहन की राख की 7 चुटकियों को घर में लेकर आए। अब इस राख को तांबे के सात छेद वाले सिक्कों के साथ एक लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से घर में पैसों की तंगी दूर होती है।
अगर आप किसी से अपनी दुश्मनी खत्म करना चाहते हैं तो होलिका दहन के दिन उसी स्थान पर रात 12:00 बजे जाए और अनार की लकड़ी से उसका नाम लिख दें फिर उसे बाए हाथ से मिटा दें। उस स्थान की थोड़ी सी राख लेकर आए और अगले दिन उस व्यक्ति के सिर पर डाल दें। ऐसा करने से आप दोनों के बीच लड़ाई झगड़े खत्म हो जाते हैं।
अगर आपकी कुंडली में किसी प्रकार का कोई दोष है, तो आप होलिका दहन के समय देसी घी में 2 लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता इन सभी चीजों को होली की आग में डाल दें। अगले दिन उसको लाकर शुद्ध जल में प्रवाहित करें। ऐसा करने से कुंडली के दोष खत्म हो जाते हैं।