कार्तिक अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाने की परंपरा है. हिंद धर्म में ये त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. दिवाली के दिन घर के मुख्य द्वार को दीपों से सजाया जाता है.
कहते हैं कि इस दिन माता लक्ष्मी हमारे घर में प्रवेश करती हैं. ज्योतिषियों के अनुसार, दिवाली पर माता लक्ष्मी के पधारने से पहले हमें घर में रखी कुछ अशुभ चीजों को बाहर कर देना चाहिए. घर में इन अशुभ चीजों के रहने से माता लक्ष्मी का आगमन नहीं होता है.
टूटा हुआ शीशा- अगर आपके घर में कहीं चटका या टूटा हुआ शीशा रखा है तो दिवाली से पहले उसे बाहर कर दें. टूटा हुआ शीशा घर में नकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है. इससे आपके घर की पूरी सुख-शांति तबाह हो सकती है.
खराब घड़ी- अगर आपके घर में खराब या बंद घड़ी रखी है तो इसे भी दिवाली आने से पहले घर से बाहर कर दें. घर में रखी खराब घड़ी इंसान का बुरा वक्त शुरू होने का प्रतीक मानी जाती है. इसलिए दिवाली की सफाई में इसे भी घर से बाहर कर दें.
टूटी या खंडित मूर्तियां- अगर आपके घर के मंदिर में भगवान की टूटी या खंडित मूर्ति रखी है तो दिवाली से पहले इसे घर से बाहर कर दें. घर में भगवान के फटे-पुराने चित्र भी नहीं होने चाहिए. बेहतर होगा कि आप भगवान की पुरानी मूर्तियों को नदी या तालाब में विसर्जित कर दें. इनकी जगह नई मूर्तियां लेकर आएं.
जंग लगा लोहा- अगर आपके घर के स्टोर रूम या छत पर कहीं जंग लगा सामान या लोहा रखा है तो इसे भी तुरंत बाहर कर दें. घर में रखी ऐसी चीजें शनि और राहु के नकारात्मक प्रभाव को बढ़ावा देती हैं. घर में इस एक चीज के रहने से मां लक्ष्मी भी प्रवेश नहीं करती हैं.
खराब खिड़की-दरवाजे- अगर घर का कोई दरवाजा या खिड़की खराब पड़ा है तो इसे भी फौरन बदलवा दें. कहते हैं कि घर में आवाज करने वाले खिड़की दरवाजे बहुत ही अशुभ होते हैं. इसलिए दिवाली पर माता लक्ष्मी के आने से पहले या तो इनकी मरम्मत करवा लें या फिर इन्हें बदलवा लें.
खराब पड़ा फर्नीचर- अगरघर में टूटा या बेकार फर्नीचर जैसे कि मेज, कुर्सी या टेबल पड़ा है तो उसे भी बाहर कर दें. घर का फर्नीचर हमेशा सही स्थिति में होना चाहिए. वास्तु के अनुसार, खराब फर्नीचर का घर पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
जूते-चप्पल- अगर आपके घर में खराब या फटे-पुराने जूते चप्पल हैं तो दिवाली की सफाई में उन्हें बाहर निकालना ना भूलें. फटे जूते और चप्पल घर में नकारात्मकता नकारात्मकता और दुर्भाग्य लाते हैं.