
हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का अत्यधिक महत्व होता है। बहन और भाई के प्रेम को समर्पित है यह पर्व। बालाजी ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि मान्यतानुसार इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा का सूत्र यानी राखी बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देता है। भाई-बहन यूं तो हमेशा झगड़ते रहते हैं, लेकिन एक-दूसरे के बिना रह भी नहीं सकते हैं। इस दिन की अत्यधिक धार्मिक मान्यता है और पौराणिक कथाओं के अनुसार स्वयं देवी-देवता भी रक्षाबंधन मनाते हैं। भाई-बहन के स्नेह के प्रतीक रक्षाबंधन को इस साल किस दिन मनाया जाएगा, रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया होगा या नहीं और किस शुभ मुहूर्त में बहनें भाईयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। पंडित शर्मा के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त की दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 1 बजकर 21 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। रक्षाबंधन उदया तिथि को ध्यान में रखकर मनाया जाता है और इसीलिए इस साल रक्षाबंधन की सही तारीख 9 अगस्त दिन शनिवार है। इसी दिन बहनें भाईयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांध सकेंगी।
रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं लगेगी –
माना जाता है कि जिस समय भद्रा लगती है उस समय भाई की कलाई पर राखी बांधना शुभ नहीं होता है। ऐसे में भद्रा का साया रक्षाबंधन पर है या नहीं यह हर साल ही बड़ा सवाल रहता है। हालांकि, इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं होगा। भद्रा काल 8 अगस्त की दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से 9 अगस्त की सुबह 1 बजकर 52 मिनट तक रहने वाला है। रक्षाबंधन 9 अगस्त के दिन मनाया जा रहा है, इसलिए रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं होगा और बिना चिंता किए भाई को बहनें राखी बांध सकती हैं.
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त –
रक्षा बंधन के दिन बहुत सी बहनें व्रत भी रखती हैं। जब तक वे कुछ खा नहीं लेतीं तब तक भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधती हैं। राखी शुभ मुहूर्त देखकर बांधी जाती है। इस साल 9 अगस्त की सुबह 5:35 से दोपहर 1:24 तक रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त है। इस मुहूर्त में राखी बांधना अत्यधिक शुभ होगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12:53 मिनट के बीच बन रहा है। इस समयावधि में राखी बांधना और अधिक शुभ रहेगा।