शुक्र अस्त, अब ढाई माह बाद गूंजेगी शहनाई

28 अप्रैल से 11 जुलाई 2024 तक शुक्र अस्त हो गए हैं। इस दौरान शुभ कार्य सहित विवाह नहीं हो सकेंगे। अब ढाई माह बाद शहनाई गूंजेगी। 28 अप्रैल को शुक्र अस्त हो गए हैं व सात मई को गुरु अस्त हो जाएंगे। इसके साथ ही शहनाई भी खामोश हो जाएगी। बालाजी ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा के मुताबिक इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि मांगलिक कार्यों पर पूरी तरह रोक रहेगी। पांच जुलाई को शुक्र के उदय होने के बाद पुनः मांगलिक कार्य हो सकेंगे। धर्म शास्त्रों के अनुसार गुरु-शुक्र के अस्त होने पर विवाह आदि मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं। हालांकि, इस बीच 10 मई को अक्षय तृतीया है। इस अबूझ मुहूर्त पर कई युगल विवाह बंधन में बंधेंगे। इसके बाद नौ से 15 जुलाई के बीच विवाह के छह मुहूर्त हैं। 17 जुलाई को हरिशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा। यानी चार महीनों तक विवाह आदि मांगलिक कार्यों पर फिर विराम लग जाएगा। 12 नवंबर को देवोत्थानी एकादशी से विवाह मुहूर्त फिर से शुरू होंगे और 14 दिसंबर तक चलेंगे। नवंबर में विवाह के सात और दिसंबर में आठ मुहूर्त रहेंगे।

ग्रह अस्त होने का प्रभाव –
जब कोई ग्रह सूर्य के निकट आ जाता है, तो उसकी चमक फीकी पड़ जाती है। इस कारण वह आकाश में दिखाई नहीं देता। इसे उस ग्रह का अस्त होना कहते हैं। शुक्र भोग-विलास का नैसर्गिक कारक होने के कारण दाम्पत्य सुख का प्रतिनिधि होता है। वहीं, गुरु कन्या के लिए पतिकारक होता है। इन दोनों ग्रहों का अस्त होना दाम्पत्य के लिए अशुभ माना गया है। इसलिए गुरु-शुक्र के अस्त होने की स्थिति में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होते हैं।

ये रहेंगे विवाह मुहूर्त –
जुलाई माह: 9, 11, 12, 13, 14, 15
नवंबर माह: 12, 17, 18, 23, 25, 27, 28
दिसंबर माह: 2, 3, 4, 6, 7, 10, 11, 14
पंडित सौरभ गणेश शर्मा, ज्योतिषाचार्य, बालाजी ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र शास्त्री कॉलोनी स्टेशन रोड सीहोर
मोबाइल 9229112381