आरा
भोजपुर जिले की 215 समेत सूबे में पौधरोपण की 19,550 योजनाएं निर्धारित समय से पहले ही बंद कर दी गई हैं। इससे सरकार की पर्यावरण को सुरक्षित व संरक्षित रखने की मुहिम को बड़ा झटका लगा है। जल जीवन हरियाली योजना के तहत राज्य भर में पौधरोपण की इन योजनाओं को पांच वर्षों के लिए चालू किया गया था। पर विडंबना यह है कि इन योजनाओं को एक से दो वर्षों में ही बंद कर दिया गया है।
यही नहीं, इन योजनाओं को एमआईएस व गूगल सीट से भी डिलीट कर दिया गया है। सभी जिलों में पौधरोपण की बड़ी संख्या में योजनाओं को बंद कर दिए जाने से विभाग परेशान है। बेगूसराय में सर्वाधिक योजनाएं बंद की गई हैं। दूसरे नंबर पर समस्तीपुर जिला है। सबसे कम योजनाएं शेखपुरा में बंद की गई हैं।
मनरेगा आयुक्त सीपी खंडूजा ने सभी डीएम और डीडीसी को पत्र भेजकर पीओ से स्पष्टीकरण मांगने का आदेश जारी किया है। साथ ही जिला मुख्यालयों को 15 दिनों के अंदर ग्रामीण विकास विभाग के बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (बीआरडीएस) को रिपोर्ट भेजने का आदेश जारी किया है।
बता दें कि पौधरोपण की तिथि से पांच साल तक की देखरेख के लिए वन पोषकों व लाभुकों को मनरेगा से भुगतान किया जाना है। पांच साल बाद ही इस योजना को पूर्ण माना जाता है। बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसायटी की समीक्षा व अवलोकन के क्रम में यह मामला उजागर हुआ है।