लखनऊ
कानपुर में भले ही ओमिक्रोन की दस्तक न हुई हो पर इसका खौफ नए साल में सैलानियों पर पड़ता दिख रहा है। आलम यह है कि कानपुर के आसपास या यूपी के धार्मिक-पौराणिक स्थलों की सैर करने वाले सैलानियों ने बस बुकिंग के ऑर्डर कैंसिल कराने शुरू कर दिए हैं। इसके चलते टूरिस्ट ऑपरेटरों ने परिवहन विभाग में लिए गए 200 अस्थायी परमिट निरस्त करने के आवेदन किए हैं। पर्यटकों में खौफ को लेकर टूरिस्ट संचालक भी परेशान हैं। एआरटीओ प्रशासन सुधीर वर्मा के मुताबिक अस्थायी परमिट निरस्त कराने के आवेदन आए हैं। नियमानुसार जो होगा, वह कार्रवाई की जाएगी। नए साल पर नैनीताल, खजुराहो, चित्रकूट, बिठूर, अयोध्या, वाराणसी, कंपिल, दतिया, लखनऊ सहित एक दर्जन स्थानों के लिए ठीक-ठाक बुकिंग होती है।
टूरिस्ट बस आपरेटर राजेश कश्यप के मुताबिक हर साल इन छोटे स्थानों के लिए अकेले शहर से छोटी-बड़ी 400-500 बसें एक से तीन दिनों के लिए जाती थीं। अबकी बार भी बुकिंग ठीक-ठाक हुई पर दिसंबर के पहले सप्ताह से निरस्त होने लगी। इससे कारोबार को झटका लगा है। नए साल पर सहालगें नहीं थीं, इन बुकिंग से कुछ न कुछ ऑपरेटर को राहत तो मिलती ही, क्योंकि टूरिस्ट ऑपरेटरों पर कई तरह के बिना संचालन का खर्च रहता है। बसों की बुकिंग निरस्त कराने वाले लोग ऑपरेटरों से एडवांस जमा पैसा वापस मांगते तो ऑपरेटर लाचारी बताते हैं। उनका तर्क है कि वे लोग एडवांस पैसा या तो अस्थायी परमिट के नाम पर खर्च कर देते हैं या फिर ईंधन और अन्य कार्यों पर खर्च हो जाते हैं। इस वजह से एडवांस राशि रिफंड करने में दिक्कतें हैं। इस वजह से टूरिस्ट ऑपरेटरों और बुकिंग कराने वालों के बीच तू-तू, मैं-मैं भी होती है।