औरैया
औरैया में तैनाती के कुछ समय बाद से ही डीएम सुनील वर्मा विवादों से घिरना शुरू हो गए थे। सांसद से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख तक ने उनकी शासन में शिकायत की। उन पर असलहा लाइसेंस में घूस तक के आरोप लगे। समय से कार्यालय में न बैठने की शिकायतें भी शासन तक पहुंचीं, लेकिन उनके रवैए में कोई बदलाव नहीं आया।
सरकारी दुकानों पर चलवाया बुलडोजर
अछल्दा ब्लाक प्रमुख अनुमोदन के बाद डेढ़ दर्जन दुकानों का निर्माण करा रहे थे, जिन पर डीएम ने बुलडोजर चलवा दिया गया था। ब्लाक प्रमुख शरद राणा का कहना है कि नियमानुसार सारी प्रक्रिया पूरी की गई थी। फिर भी सरकारी दुकानों पर बुलडोजर चलवा दिया गया, जिससे लाखों रुपए सरकारी राजस्व का नुकसान हुआ। आरोप लगाया कि दुकानों को लेकर पैसों की मांग की गई थी, न मिलने पर बुलडोजर भेज दिया।
जिला पंचायत के छह करोड़ का दुरुपयोग
जिला पंचायत अध्यक्ष कमल दोहरे ने शासन में शिकायत की थी कि जिला पंचायत के छह करोड़ रुपए जनहित में खर्च करने के बजाय उससे डीएम आवास के पास सड़क व नाले का निर्माण कराया गया।
करोड़ों के ठेके कर दिए कैंसिल
औरैया की बागडोर संभालते ही पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपू सिंह के कार्यकाल में किए गए करोड़ों के ठेके डीएम ने निरस्त करा दिए थे। आरोप है कि बाद में प्रशासक बन उन ठेकों को मनचाहे ठेकेदारों को दिया गया।
औरैया रत्न को लेकर रहा विवाद
औरैया रत्न वितरण को लेकर भी खासा विवाद रहा। आरोप लगा कि कुछ लोगों से पैसे लेकर उन्हें औरैया रत्न का तमगा दिया गया। डीएम के इस रवैए से भाजपा के कई नेता नाराज थे। आरोप लगा कि कुछ ऐसे लोगों को औरैया रत्न दिया गया जिनका समाज में कोई सम्मान नहीं है। सोशल मीडिया पर इसका खूब मखौल उड़ाया गया।
एमएलसी चुनाव में भूमिका थी संदिगध
जिला समन्वयक समिति की बैठक में कुछ अधिकारियों पर तानाशाही रवैया अपनाने के आरोप संग एमएलसी चुनाव को प्रभावित करने का अंदेशा जताया गया था। भाजपाइयों ने इन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की थी। अधिकारियों में एक नाम डीएमका भी था।
दो चौराहों के नाम बदलकर चर्चा में आए
शहर के दो चौराहों का नाम बदलकर जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा जनता के बीच चर्चा में आए, लेकिन नुमाइश मैदान व मंदिरों के वाहन ठेकों को लेकर विवादित हो गए। डीएम वर्मा ने खानपुर चौराहे का नाम देवकली और जालौन का नाम बदलकर मंगलाकाली चौराहा किया था। नगर पालिका परिषद ने प्रस्ताव करके डीएम के इस पहल का अनुमोदन किया था। इसके बाद नुमाइश में दकानों के ठेके को लेकर वह विवाद में आए तो लगातार विवादों में घिरते चले गए। उनके चौराहों के नाम बदलने से लोगों में खासी चर्चा रही थी। लोगों को यह समझ में आ रहा था कि नाम बदलना इतना जरुरी क्यो था।
आडियो क्लिप पर बढ़े थे नंबर
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में डीएम सुनील कुमार वर्मा की आडियो क्लिप वायरल हुई थी। इसमें सपा के एक नेता को लेकर धमकाया गया था। हालांकि, इस आडियो के वायरल होने के बाद शासन में उनके नंबर बढ़ गए थे।
ठेकों को लेकर शुरू हुआ विवाद
डीएम वर्मा ने नुमाइश मैदान में प्रदर्शनी का ठेका, देवकली मंदिर के जीर्णोद्धार व वाहन स्टैंड मंगलाकाली मंदिर में वाहन स्टैंड का ठेका खुद उठा दिया था। नुमाइश मैदान सुरक्षित करने को कराए काम को लेकर भी विवाद हुआ। सारे ठेके उन्होंने एक ही व्यक्ति को दे दिए, वाहन ठेके के चलते नियमित मंदिर जाने वाले लोगों ने भी वहां जाना छोड़ दिया। स्टैंड पर मनमानी वसूली का लोगों ने विरोध किया।
कीमती जमीन से नहीं हटवाया अतिक्रमण
टोल प्लाजा अनंतराम के पास पैगूपुर मौजा में वेशकीमती जमीन पर से अतिक्रमण नहीं हटाया गया। अनंतराम मौजा में मो. यूसुप खान के सरकारी जमीन बेचने पर राजस्व विभाग की टीम ने मुकदमा किया, लेकिन यह कार्रवाई अधिकारियों के दबाव में रोक दी गई थी।
नेताओं की तरह शौक रखते थे सुनील
जिलाधिकारी रहे सुनील वर्मा के बारे में लोगों का कहना है कि वह नेताओं की तरह शौक रखते थे। मंदिरों में दर्शन पूजन की फोटो भी वायरल की जाती थी।