58 लाख मनरेगा मजदूरों को मिलेगा काम, होने जा रहा है यह काम

लखनऊ

प्रदेश की सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों में एक सरोवर के विकास की राज्य सरकार की योजना पर काम शुरू होने पर सीधे 58 लाख मनरेगा मजूदर काम पर लगेंगे। प्रत्येक सरोवर के विकास में करीब 100 मनरेगा मजदूरों को काम करेंगे।

अमृत सरोवरों का चयन भी इन्हीं में से किया जाएगा
योगेश कुमार का कहना है कि राजस्व भूलेख के आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में छह लाख तालाब हैं। राज्य में जिन 6000 अमृत सरोवरों का विकास किया जाना है वह इन्हीं में से चयनित किए जाएंगे। इसके बाद भी 5.94 लाख तालाब बचते हैं। इन सभी तालाबों को मनरेगा से विकसित किया जा सकता है। पूर्व में इनमें से कई तालाबों को मनरेगा के तहत विकसित किया भी गया है। उन्होंने बताया है कि जहां जरूरत होगी तालाबों की गहराई बढ़ाने के साथ ही तालाब के बंधे का निर्माण किया जाएगा।

सभी तालाबों में पानी लाने की रहेगी चुनौती
इन सभी तालाबों के विकसित कर दिए जाने पर राज्य में जल संरक्षण, भूगर्भ जल स्तर संरक्षण के साथ ही मछली पालन को बढ़ावा देकर इन तालाबों को रोजगार का बड़ा आधार बनाया जा सकता है। अपर आयुक्त के मुताबिक सभी तालाबों को विकसित करने के बाद भी इनमें पानी लाने की चुनौती रहेगी। तालाबों का विकास इस तरह किया जाएगा कि बारिश का पानी इधर-उधर ना जाकर सीधे तालाबों में पहुंचे। गंदे पानी को इन तालाबों में जाने से रोकने का इंतजाम भी करना होगा। योगेश कुमार 11 मई को मत्स्य विभाग के समक्ष अपनी इस कार्ययोजना को प्रस्तुत करेंगे।

 

Exit mobile version