छत्तीसगढ़ में बंदियो का 70 करोड़ का मेहनताना स्वजनों को नहीं मिला

रायपुर
 सूबे के जेलों में बंदियों की लाखों की पारिश्रमिक की हेरा-फेरी का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि नई जानकारी सामने आई है कि पिछले चार साल से बंदियों की पारिश्रमिक में से पीड़ित परिवार को दी जाने वाली पचास फीसद रकम करीब 70 करोड़ रुपये जेल अधिकारी दबाकर बैठे है। इन पैसे का वितरण नियमानुसार हर साल कर दिया जाना था, पर शासन द्वारा गठित समिति से दर का निर्धारण कराये बिना नियमों के विपरित सूबे के सेंट्रल जेल के अधिकारियों ने खुद को बचाने अपने अधीनस्थ जिला और उपजेलों को पैसा भेज दिया।इसके कारण पैसे का वितरण पीड़ित स्वजनों को नहीं किया जा सका।

अब जब मामला उठा तब इसे लेकर जेल मुख्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। जेल विभाग के सूत्रों ने बताया कि प्रदेश के जेलों से करीब छह हजार पीड़ितों के स्वजनो को 70 करोड़ की रकम बंटना था,उसे वित्त नियम खंड नौ के सहायक नियम 32(ख) का अनुपालन न करते हुए सूबे के रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर और अंबिकापुर सेंट्रल जेल के अधिकारियों ने रकम आहरण के बाद सामान्य निधि में जमा न कर शासन द्वारा गठित समिति से दर का निर्धारण कराए बिना नियम विरुद्व अपने अधीनस्थ जिला और उपजेल को भेज दिया।

यहीं नहीं रायपुर सेंट्रल जेल प्रबंधन ने साल 2017-18 में 365 पीड़ितों के स्वजनों को करीब 40 लाख और 2018-19 और 2020 में दर का निर्धारण कराए बगैर ही 1.17 करोड़ बांट दिया। इसी तरह से अन्य चार सेंट्रल जेलों ने भी लाखों रूपयों का वितरण किया है।

इन जेलों में इतना लंबित

जेल विभाग के सूत्रों ने दावा करते हुए बताया कि केंद्रीय जेल रायपुर में लगभग 6.22 करोड़,केंद्रीय जेल बिलासपुर में आठ करोड़, केंद्रीय जेल अंबिकापुर में तीन करोड़, केंद्रीय जेल दुर्ग में 1.60 करोड़, केंद्रीय जेल जगदलपुर में 80 लाख रूपये बंदियों के पीड़ित स्वजनों को साल 2017-18 से भुगतान नहीं किया गया है।चौंकाने वाली बात यह है कि केंद्रीय जेल प्रबंधन ने अपने अधीनस्थ जेलों में नियम विरुद्व भेजी गई करोड़ों की रकम को अपने रिकार्ड में पीड़ित स्वजनों को वितरित करना बताया गया है।

जेलों से मिले दस्तावेज बताते है कि जिला जेल धमतरी में 57 लाख, बलौदाबाजार में 84 लाख, गरियाबंद में आठ लाख, कांकेर में 47 लाख, रायगढ़ में 91 लाख,कोरबा में 59 लाख, जांजगीर में 57 लाख, उपजेल कटघोरा में 2.20 लाख, जशपुर में 1.58 करोड़, रामानुजगंज में 89 लाख, सूरजपुर में 1.12 करोड़, मनेंद्रगढ़ में 50 लाख, संजारी बलोद में 44 लाख, राजनांदगांव में एक करोड़, कबीरधाम में 50 लाख, बेमेतरा में 36 लाख, खैरागढ़ में 20 लाख की राशि पीड़ितों के स्वजनों को अब तक वितरित नहीं किया जा सका है।