लखनऊ
यूपी चुनाव से ठीक से पहले भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। योगी सरकार में मंत्री पद से स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफा और फिर सपा में शामिल होने की खबर ने पार्टी में हलचल पैदा कर दी है। सूत्रों की मानें तो कुछ और विधायक भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य चार बार बीएसपी से विधायक चुने गए और पिछले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थामकर पांचवीं बार विधायक बने थे। स्वामी प्रसाद के पार्टी छोड़ने और सपा में शामिल होने के बाद कानपुर देहात से बीजेपी विधायक भगवती प्रसाद सागर, स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पर पहुंच गए हैं। रोशन लाल वर्मा ने तो पार्टी छोड़ने के संकेत भी दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य मेरे नेता हैं और वह जैसा कहेंगे, वैसा करूंगा। मैं इस बारे में फैसला लूंगा। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि तिलहर विधायक रोशनलाल वर्मा भी भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो सकते हैं।
बसपा छोड़कर भाजपा में हुए थे शामिल
2017 के विधानसभा चुनाव से पहले ही वह सपा छोड़कर भाजपा में आए थे। इससे पहले वह बीएसपी सरकार में मंत्री भी रहे थे और फिर मायावती को छोड़कर भाजपा में आए थे। पिछड़ी जाति के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की भाजपा में एंट्री को सोशल इंजीनियरिंग का नतीजा माना जा रहा था, लेकिन अब पिछड़े समाज के बड़े नेता के बीजेपी छोड़ने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में शामिल होने की जानकारी खुद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर जानकारी दी है। अखिलेश यादव ने लिखा, 'सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।' स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा कई और नेता एवं विधायक भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। 2017 में उनके भाजपा में आने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के कई समर्थक भी भगवा दल में शामिल हुए थे।