लखनऊ
‘मैं आदरणीय राहुल जी से एक वर्ष छोटा और अखिलेश यादव से एक वर्ष बड़ा हूं। दोनों की जोड़ी के बीच में मैं जो आ गया। खड़गे जी मुझे लगता है कि ये आपकी विफलता का एक बड़ा कारण हो सकता है।’ यह 21 मार्च 2017 के उस भाषण की पंक्तियां हैं जो यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद युवा योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा में बतौर सांसद दिया था। उस चुनाव में राहुल गांधी और अखिलेश यादव के रूप में दो युवा बहुत चर्चा में आए थे।2022 का यूपी का सियासी संग्राम इस मायने में सबसे खास है कि ताज के दावेदारों से लेकर रणभूमि में उतरने वालों और रणनीतिकारों तक सब युवा हैं।
योगी आदित्यनाथ जब प्रदेश के मुखिया बने तो आयु 44 साल थी। अब वो करीब 49 के हो चले हैं और भाजपा उन्हीं के काम और नाम पर यह चुनाव लड़ रही है। दूसरा नाम पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का है, जिनके नाम प्रदेश का अब तक का सबसे युवा मुख्यमंत्री होने का रिकार्ड दर्ज है। अखिलेश ने 2012 में 38 की उम्र में यूपी की कमान संभाली थी। अब वो भी 48 के करीब हैं। जहां तक बसपा सुप्रीमो मायावती का सवाल है तो पिछले महीने की 15 तारीख को वे 66 की हो चुकी हैं। मगर 1995 में जब पहली बार सीएम बनीं थी तो 39 वर्ष की थीं।