बैंक आफ इंडिया के कर्मचारी 30 को रहेंगे हड़ताल पर

रायपुर। आउट सोर्सिंग के विरोध में बैंक आफ इंडिया के लगभग 5 हजार बैंक शाखाओं के 21000 कर्मचारी फेडरेशन आफ बैंक आफ इंडिया स्टाफ यूनियंस मुंबई के आव्हान पर 30 मार्च को 7 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में छत्तीसगढ़ की 62 शाखाओं में कार्यरत सभी कर्मचारी शामिल होंगे।

बैंक आफ इंडिया एम्प्लाइज एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के महासचिव हर्षवर्धन सिंह बिष्ट, फेडरेशन बैंक आफ इंडिया चेन्न्ई की चेयरपर्सन श्रीमती बी. विजयाल, अशोक माहेश्वरी ने संयुक्त पत्रकारवार्ता में बताया कि बैंक आफ इंडिया में 2017-18 से 8522 पद जो रिक्त हैं वह अभी तक भरे नहीं जा सकें हैं जिसके कारण यहां के कर्मचारियों को अतिरिक्त काम करना पड़ रहा हैं। आउट सोर्सिंग के कारण बैंक के कर्मचारियों पर अतिरिक्त भार आ जाता हैं, जबकि अगर 500 रुपये तक का लोन लेना हो तो केंद्र सरकार के द्वारा गठित 12 सदस्यीय टीम में 7 लोग उनके रहते हैं जबकि 3 बैंक के अधिकारी और 2 कर्मचारी। 7 लोगों के हस्ताक्षर के बिना कोई भी लोन पस नहीं होता है और अगर कुछ गड़बड़ी हो जाती है तो सीधे तौर पर बैंक को दोष ठहरा जाता हैं इसलिए बैंक कर्मचारियों की पहली मांग यह है कि आउट सोर्सिंग को बंद किया जाए। अन्य मांगों के संदर्भ में महासचिव हर्षबर्धन ने बताया कि वर्षों से कार्यरत दैनिक मजदूरों को नियमित किया जाए, लिपिक, चपरासी, गार्ड के खाली पदों को भरा जाए, एनपीएस बंद कर पेंशन स्कीम को लागू किया जाए, ग्राहक सेवा शुल्कों में कमी की जाए, खराब ऋण खातों में वसूली की जाए और विलफुल डिफाल्टर की लिस्ट को सार्वजनिक किया जाए क्योंकि बैंक आॅफ इंडिया ने केंद्र सरकार को दो बार ऐसे ही विलपुड डिफाल्टरों की सूची सौंप चुके हैं इसके बाद भी इनके नामों को सार्वजनिक नहीं किया गया हैं। अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण मांग यह है कि बैंकों का निजीकरण नहीं होना चाहिए साथ ही मर्जर के प्रयास का वे विरोध करते हैं।