20 साल तक पानी में डूबे रहने के बाद फिर से खोली गई ब्लैक स्टोन क्वारी

भिलाई
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की नंदिनी माइंस की पुनजीज़्वित ब्लैक स्टोन क्वारी से 3182 टन बेहतर ग्रेड के चूना पत्थर की पहली रेक 9 मई  को ब्लास्ट फर्नेस  के चार्जिंग साइड पर स्थित अयस्क ट्रेंच (ओटी) में उतारी गयी। भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी, अनिबाज़्न दासगुप्ता तथा ईडी (माइन्स व रावघाट), मानस विश्वास ने हरी झंडी दिखाकर अनलोडिंग प्रक्रिया का शुभारंभ किया। इस अवसर पर ईडी (पी एंड ए) के के सिंह, ईडी (प्रोजेक्ट), ए के भट्टा, ईडी (वक्र्स), अंजनी कुमार, सीजीएम इंचार्ज (सेवाएं), एस एन आबिदी, जीएम इंचार्ज (आरएमडी), आई सेनगुप्ता तथा मुख्य महाप्रबंधकगण व संयंत्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में महाप्रबंधक प्रभारी (नंदिनी माइन्स), पी एक्का ने स्वागत उदबोधन दिया तथा सहायक महाप्रबंधक डी एन रस्तोगी ने पुर्नजीवित ब्लैक स्टोन क्वारी के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए इस कार्य के दौरान आनेवाली चुनौतियों व कठिनाइयों के निराकरण की विस्तृत जानकारी दी। भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी, अनिर्बान दासगुप्ता तथा ईडी (माइन्स व रावघाट), मानस विश्वास ने अपने उद्बोधन में नंदिनी माइन्स के अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा किए गए अथक प्रयासों की दिल खोलकर प्रशंसा की।

विदित हो कि लगभग बीस वर्षो से पानी में डूबी नंदिनी के पुर्नजीवितब्लैक स्टोन क्वारी से चूना पत्थर का परिवहन महत्वपूर्ण है एवं इस बात का परिचायक है कि नंदिनी के पुर्नजीवित ब्लैक स्टोन क्वारी के पुनरुद्धार का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया है। जलमग्न ब्लैक स्टोन क्वारी से खनन को पुर्नजीवित करने के लिए बीएसपी के प्रबंधन ने पहल प्रारंभ की थी। यह पहल न केवल बेहतर ग्रेड चूना पत्थर के लिए संयंत्र की आवश्यकता को पूरा करने में मदद कर रही है, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को भी पानी की आपूर्ति के माध्यम से लाभान्वित कर रही है।

विदित हो कि नंदिनी माइन्स का ब्लैक स्टोन क्वारी पिछले 20 वर्षो से पानी में डूबा हुआ था। इस क्वारी को पुर्नजीवित करने हेतु बीएसपी प्रबंधन द्वारा अभिनव पहल प्रारम्भ किया गया। इस क्वारी के बीचों-बीच वेस्ट मटेरियल से 900 मीटर लंबी सेतु का निर्माण किया गया जिसे लक्ष्मण सेतु का नाम दिया गया। इस प्रकार लक्ष्मण सेतु से इस क्वारी को ए और बी भागों में बांटा गया। बी भाग में भरे हुए पानी को आस-पास के गांवों के तालाबों में भरा गया और इस बी भाग को पूर्णत: खाली किया गया। इस प्रकार क्वारी का यह भाग माइनिंग के लिए तैयार हो पाया। इस भाग में उच्च कोटि का लो-सिलिका ग्रेड लाइम स्टोन प्राप्त होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। नंदिनी के इस क्वारी से प्राप्त लाइम स्टोन मध्यप्रदेश स्थित कुटेश्वर माइन्स से प्राप्त लाइम स्टोन जैसा ही उच्च दर्जे का अयस्क है। इस क्वारी से बीएसपी के उच्च दर्जे की लाइम स्टोन की जरूरत को पुरा करने में मदद मिलेगी।

आज इस खदान के बी ब्लॉक से प्राप्त चूना पत्थर से भरा रैक संयंत्र पहुंचा। इस प्रकार नंदिनी के ब्लैक स्टोन क्वारी जो कि पिछले 20 वर्षों से पानी में डूबी हुई थी, इससे आज बेहतर ग्रेड के चूना पत्थर का परिवहन प्रारंभ कर एक नई शुरूआत की गई। उल्लेखनीय है कि  केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने 20 अक्टूबर, 2021 को सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के नंदिनी माइन्स के इसी पुर्नजीवित ब्लैक स्टोन क्वारी की औपचारिक शुरूआत की थी।