रायपुर
केंद्र सरकार के कृषि कानून विरोधी आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सपाट शब्दो मे कहा कि केन्द्र जिन फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करती है उसे लीगलाइज कर दे। बाद में दूध और सब्जियों की एमएसपी पर भी बात होती रहेगी।
राकेश टिकैत एक निजी कार्यक्रम शामिल होने के लिये दो दिवसीय छत्तीसगढ दौरे पर सोमवार की सुबह रायपुर पहुचे।जहा उनक स्वागत करने के लिये विधायक व हाऊसिग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप सिह जुनेजा के साथ ही कांग्रेस के स्थानीय नेताओं, किसान संगठनों के प्रतिनिधिगण विमानतल पर पहुचे थे। टिकैत ने उन सभी संगठनों के प्रतिनिधियो से मुलाकात की। बाद मे उन्होने विधायक कुलदीप सिह के निवास पर पत्रकारो से चर्चा की और दो टूक शब्दो मे कहा कि सरकार जिन फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करती है उसे लीगलाइज कर दे। बाद में दूध और सब्जियों की रूस्क्क पर भी बात होती रहेगी।
टिकैत ने कहा कि अभी भी एमएसपी का एक बड़ा सवाल बचा हुआ है। मीडिया और सरकारों के जरिए यह बात जनता के बीच पहुंच गई है। अब आगे सरकार से बातचीत कर उसका समाधान निकालेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अभी जितनी फसलों के लिए एमएसपी घोषित करती है उसे ही लीगलाइज कर दे। एक बार वह हो गया तो आगे दूध और सब्जियों पर भी बात होगी। केंद्र सरकार की ओर से तीनों कानून वापस लेने की वजह पूछे जाने पर टिकैत ने कहा, सरकार ने हमारा काम कर दिया। खामखां सरकार के कान में उंगली डालकर नहीं खुजाया करते।
एमएसपी देने से कृषि उत्पादों की कीमतें बढ़ जाने के कुछ विशेषज्ञों के दावों से जुड़े सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा, ऐसे विशेषज्ञों को हम भी ढूंढ रहे हैं। ये कौन लोग हैं। हमें तो ऐसे एक भी विशेषज्ञ नहीं मिले। टिकैत ने कहा, हमें एमएसपी दिलवा दो सरकार को टैक्स भी ज्यादा मिलेगा। हम सरकार को यह गणित बता देंगे। उन्होंने कहा, ऐसे ही विशेषज्ञ सरकार को गलत राय दे रहे हैं।