बिलासपुर
हाईकोर्ट में राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर गवाही का रास्ता साफ हो गया है। जस्टिस सैम कोशी की सिंगल बेंच ने राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय के वकील तीनों आवेदन का निराकरण कर दिया है। इधर, याचिकाकर्ता लेखराम साहू के वकील ने गवाही तय होने के बाद लगाए गए आवेदनों पर एतराज जताया था। अब इस मामले में पहले याचिकाकर्ता की तरफ से गवाही होगी। प्रकरण की सुनवाई 14 जनवरी को होनी है। याचिकाकर्ता लेखराम साहू के वकील सुदीप श्रीवास्तव और हिमांशु शर्मा ने उनके इस आवेदन को मामले में देरी करने की रणनीति बताया और इन्हें खारिज करने की मांग की। सरोज पांडेय की तरफ से अधिवक्ता अभिषेक वैष्णव और अविनाश साहू ने अपने पहले आवेदन में कहा था कि साहू द्वारा प्रस्तुत आरटीआई के दस्तावेज सबूत के रूप में मान्य नहीं किया जा सकता। इसका याचिकाकर्ता की ओर से विरोध किया गया।
हाईकोर्ट ने दस्तावेजों पर आपत्ति अंतिम तर्क के पूर्व करने की व्यवस्था देते हुए आवेदन को निराकृत कर दिया है। इसी तरह दूसरा आवेदन सरोज पांडेय की ओर से निर्वाचन आयोग से प्रतिवादी के रूप में दस्तावेज सत्यापित करने से संबंधित था, जिस पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार प्रतिवादी नहीं हो सकते। हाईकोर्ट ने इस आवेदन अप्रासंगिक मान कर निराकृत कर दिया है और यह छूट दी है कि इस संबंध में आवश्यक गवाही कराई जा सकती है। तीसरा आवेदन लेखराम साहू के आधार कार्ड और बारहवीं की अंकसूची प्रस्तुत करने को लेकर था। इसे भी निराकृत करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है की इस स्तर पर यह दस्तावेज आवश्यक नहीं है और इससे संबंधित प्रश्न प्रति परिक्षण में पूछे जा सकते हैं। इस मामले की सुनवाई 14 जनवरी को होनी है। लेकिन, अब वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई होने के कारण अभी यह तय नहीं है कि उस दिन लेखराम साहू की गवाही होगी या नहीं।