पटना
बिहार विधानसभा में सोमवार को चौंकाने वाला नजारा देखने को मिला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक सदन में भड़क गए। सीएम को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने स्पीकर की बात भी नहीं मानी और लगातार तब तक बोतले रहे जब तक उनकी बात पूरी नहीं हो गई। सीएम नीतीश को काफी दिनों बाद सदन के अंदर इतने गुस्से में देखा गया। स्पीकर विजय सिन्हा बार-बार मुख्यमंत्री से आसन की बात सुनने का आग्रह करते रहे लेकिन सीएम गुस्से में लगातार बोलते रहे। मामला लखीसराय में 9 लोगों हत्या से जुड़ा है।
दरअसल भाजपा के विधायक संजय सरावगी ने सदन में सवाल उठाया कि लखीसराय में बीते लगभग 2 महीनों में 9 लोगों की हत्या कर दी गई, उस मामले में क्या कार्रवाई हो रही है। सरकार की तरफ से प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र यादव संजय सरावगी के सवालों का जवाब दे रहे थे। भाजपा विधायक सरावगी मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सरकार को घेरने के अंदाज में कहा कि पुलिस दोषियों को नहीं पकड़ रही है। विधायक सरावगी सरकार पर ही सवाल उठाते हुए मंत्री के जवाब के बीच में बोलने लगे। यह मामला विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के क्षेत्र का है। इसलिए स्पीकर विजय सिन्हा भी विभागीय मंत्री की ओर से संजय सरावगी के सवाल पर स्पष्ट जवाब चाह रहे थे। विधायक और मंत्री के बीच हो रहे सवाल-जवाब से स्थिति थोड़ी असहज हो रही थी। इसलिए इस प्रश्न को 16 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया। अचानक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोलने लगे।
सीएम ने विधायक संजय सरावगी द्वारा उठाए गए सवाल को ही कठघरे में खड़े करते हुए कहा कि इस मामले में जांच चल रही है। जो मामला न्यायालय में हो उसे सदन में नहीं उठाया जाना चाहिए। यह काम संविधान के खिलाफ है। काफी तल्ख लहजे में जोर-जोर से बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार न किसी को फंसाती है, न किसी को बचाती है। यह सब जानते हुए भी सदन में ऐसे सवाल उठाकर समय बर्बाद किया जा रहा है। नीतीश कुमार ने यहां तक कह दिया कि आप किस तरह से हाउस चला रहे हैं। आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ जो आज किया जा रहा है। अपराध के इन्क्वायरी की रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी जाती है। उससे आपको क्या मतलब है? इस दौरान नीतीश कुमार ने आसन की ओर कई बार अंगुली उठाते हुए गुस्से में बात की। गुस्से में फायर नीतीश कुमार को रोकने के लिए अध्यक्ष विजय सिन्हा ने हस्तक्षेप किया। अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री आसन की बात भी सुनें।
अध्यक्ष ने कई बार सीएम से आसन की बात पर ध्यान देने के लिए आग्रह किया। लेकिन नीतीश कुमार चुप नहीं हुए। नीतीश ने कहा कि यह बात किसी भी हाल में मंजूर नहीं है। लखीसराय में हुई हत्या के मामले में कोर्ट सुनवाई कर सजा देगी। यह काम आपका नहीं है। नीतीश कुमार के रुख पर अध्यक्ष विजय सिन्हा की आवाज में भी तल्खी आ गई और उन्होंने कहा की विभागीय मंत्री माननीय विधायक के सवाल का सही उत्तर नहीं दे पाए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा थोड़ी देर के लिए एक-दूसरे से तल्ख अंदाज में सवाल-जवाब करते हुए भी देखे गए। स्पीकर ने कहा कि विधायक का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विधायक को यह अधिकार है कि वह किसी भी क्षेत्र का सवाल सदन में उठा सकते हैं।