भागलपुर
सड़क दुर्घटनाओं की पूरी जानकारी इकट्ठा करने को तैयार एप इंटिग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस (आईआरएडी) की शुरुआत हो गई है। इस पर दुर्घटनाओं से संबंधित कई बिंदुओं की जानकारी अपलोड की जा रही है। खास बात यह है कि एप का इस्तेमाल पुलिस के अलावा परिवहन विभाग और रोड कंस्ट्रक्शन विभाग के पदाधिकारियों को भी करना है। दुर्घटना बड़ी होने पर तीनों विभाग के पदाधिकारी उसी एप पर दी गयी जानकारी के आधार पर संयुक्त रूप से जांच करेंगे।
दुर्घटना के समय का मौसम, वाहन और चालक का ब्योरा भी देना होगा
सड़क दुर्घटनाओं को लेकर आईआरएडी पर जो जानकारी अपलोड की जानी है उसके कई बिंदु हैं। एप पर एक्सीडेंट का समय और तारीख के अलावा घटनास्थल और उसका लैंडमार्क, घटना की प्राथमिकी और एप पर रिपोर्टिंग का समय और तारीख, उसकी गंभीरता यानी उस घटना में मौत हुई है या सिर्फ घायल हैं। इसके अलावा जो अन्य जानकारी देनी है उसमें दुर्घटना के समय का मौसम, दुर्घटना में कितने वाहन शामिल थे, जो वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ उसका पूरा ब्योरा, वाहन का मालिक, वाहन पेट्रोल का है या डीजल, वाहन किस कंपनी का है, उसका इंश्योरेंस है या नहीं, ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी का स्टेटस, डीएल किस जिले से बना है और उसका नंबर, चालक और मृतक का पता और पूरी जानकारी आदि शामिल हैं।
शिक्षिका की मौत बना अपलोड होने वाला पहला मामला
आईआरएडी की शुरुआत गुरुवार को हो गई। भागलपुर से इस एप पर पहली घटना की पहली रिपोर्टिंग सबौर की रहने वाली शिक्षिका की मौत का है। विक्रमशिला पुल पर 29 दिसंबर को सड़क दुर्घटना में सबौर की रहने वाली शिक्षिका राजकिरण की मौत हो गयी थी। वह कटिहार में शिक्षिका थी और स्कूल से लौट रही थी। पुल पर जाम की वजह से उन्होंने बस छोड़ दी थी और एक बाइक सवार से लिफ्ट मांगी था। आने के दौरान बाइक दुर्घटनाग्रस्त हुई और शिक्षिका की मौत हो गयी थी। उस घटना को लेकर ट्रैफिक थाना में इस साल का पहला एफआईआर दर्ज किया गया था। उस घटना की पूरी जानकारी उस एप पर अपलोड कर दी गयी है।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के निर्देश पर की जा रही पहल
सड़क सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के द्वारा सड़क हादसों में होने वाली मौत में कमी लाने को लेकर कई निर्देश दिये गये हैं। कमेटी ने प्रत्येक साल सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत में कम से कम 10 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य दिया है। गत साल कमेटी के सदस्य भागलपुर भी आये थे। यहां पर डीटीओ कार्यालय के अलावा दोनों अस्पताल, ट्रॉमा सेंटर, सड़क की गुणवत्ता, मोटर ट्रेनिंग सेंटर और ब्लैक स्पॉट का भी जायजा लिया था। डीआईजी सुजीत कुमार ने कहा, 'आईआरएडी पर सड़क दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग की शुरुआत हो गई है। प्रत्येक दुर्घटना से संबंधित पूरी जानकारी उसपर अपलोड की जानी है। इससे बड़ी घटनाओं की जांच में पुलिस के अलावा अन्य विभागों को आसानी होगी।'