पटना
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन ने पटना शहर के 93 प्राइवेट अस्पताल और सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है। यहां करीब ढाई हजार बेड कोरोना मरीजों के इलाज के लिए रिजर्व होंगे। देश में कोरोना केस बढ़ने और पटना में भी रोजाना कोरोना मरीज मिलने के बाद डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने अस्पतालों को तैयारी के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन ने सूचीबद्ध 93 प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार की अनुमति दी है। इसके साथ ही जिला अस्पताल, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि कोरोना वायरस के जिन मरीजों में लक्षण मिल रहे हैं, उनका तत्काल परीक्षण कराएं ताकि उपचार की व्यवस्था की जा सके। सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर और स्टाफ रखें ताकि जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल किया जा सके।
ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडारण
जिला प्रशासन का कहना है कि इस बार ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है। शहर के तीन मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं। इसीलिए अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत नहीं होगी। इसका फायदा यह होगा कि जहां ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है, वहां से मेडिकल कॉलेजों की बजाए प्राइवेट अस्पतालों को सिलेंडर उपलब्ध कराया जा सकेगा। पटना में वर्तमान समय में प्रतिदिन 12 हजार से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर उत्पादन करने की क्षमता है।
मरीज बढ़ने पर बनेंगे कंटेनमेंट जोन
जिला प्रशासन द्वारा जिन इलाकों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वहां पर भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। अब तक सत्यापन में यह जानकारी मिली है कि ज्यादातर मरीज एक ही परिवार के मिल रहे हैं। इसीलिए कंटेनमेंट जोन बनाने की जरूरत नहीं पड़ी है लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यदि मरीजों की संख्या बढ़ती है तो संबंधित क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन बनाए जा सकते हैं। पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा, 'कोरोना वायरस को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन लोगों को सतर्कता जरूर बरतनी चाहिए। प्रशासन की ओर से उपचार की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। नियमित वायरस के संक्रमण की गति निगरानी भी की जा रही है।'