ऋषि झरन को विकसित करने व सुविधाए उपलब्ध कराने की मांग
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गरियाबंद
देवभोग अंचल की सुप्रसिद्ध पर्यटक स्थल ऋषि झरन देवभोग क्षेत्र के अंतिम छोर पर है जिसका संचालन विगत 25 वर्षो से वाल्मीकि ट्रस्ट नामक संस्था द्वारा किया जा रहा है। इस पर्यटक स्थल मे मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की माग समिति ने शासन से की है।
स्थानीय मान्यताओ के बारे मै हम करें तो यहां के लोग कहते हैं कि पुराने काल में विगत कई वर्षों से पहले इसी पर्वत मे वाल्मीकि इस पहाड़ में आकर कई वर्षों तक तपस्या करते रहे। और तपस्या करते करते इस स्थान में पत्थर के आकार की मूर्ति बन गयी। तब से लोग इस पत्थर की मूर्ति का पूजा करने लगे तब से लेकर आज तक इस स्थान की पूजा करते आ रहे हैं।
देवभोग मुख्यालय से करीब 20 से 25 किलोमीटर की दूरी पर बसे यह ऋषि झरन दो पहाड़ों के बीच में है और चारों और हरियाली ही हरियाली है उड़ीसा सीमावर्ती से लगा होने के कारण पूरी साल छत्तीसगढ़ के लोगों इस पर्यटक स्थल में आकर पिकनिक मनाते है और हर नूतन वर्ष मै यहाँ यहाँ हजारो की तादात मै पिकनिक मनाने आते है। वाल्मीकि ऋषि ट्रस्ट के अध्यक्ष दुर्जन चंद्राकर और समिति के समिति के सदस्यो द्वारा शासन से उस स्थान मे मूलभूत सुविधाओ स्टॉप डेम, पक्की सड़क, पानी और बिजली की सुविधा मुहैया कराने की मांग की ।
जिला कांग्रेस कमेटी के जिला महामंत्री अरुण मिश्रा ने इस संबंध में बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हम इसके संबंध में अवगत करा चुके हैं और पूर्व प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू को भी अवगत करा चुके हैं । जल्द मुख्यमंत्री से मिलकर धार्मिक पर्यटक स्थल बनाने की मांग करेंगे ।