दिव्यांग युवाओं ने कायम की आत्मनिर्भरता की मिसाल

जशपुरनगर
शारीरिक अक्षमताओं की कमजोर बेडि?ां तोड़कर जशपुरनगर के दिव्यांग युवाओं की टीम अपने हौसलों से सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान रखने वाला जशपुरनगर इस सफलता का साक्षी है। यहां के दिव्यांग युवाओं ने अपनी शारीरिक कमियों पर जीत पाई है और दूसरों का जीवन भी आत्मनिर्भर करने में लगे हैं। जशपुर नगर में स्थित निर्माण केंद्र में इन दिनों दिव्यांग युवाओं की टीम एल.ई.डी. बल्ब, इमरजेंसी लाइट, साउंड बॉक्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण कर रहे हैं। इसके साथ ही ये युवा भविष्य में नए उत्पाद बनाकर उन्हें बाजार में उतारने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाकर अब तक इन युवाओं ने लगभग एक लाख 40 हजार रुपए की बिक्री की है।

इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद के नवाचार का विस्तार करने के लिए इनके द्वारा गौठान से जुड़ी स्व-सहायता समूह की महिलाओं को भी एल.ई.डी.बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि ये महिलाएं स्वयं प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ अन्य समूह की महिलाओं को भी एल.ई.डी.बल्ब बनाने का प्रशिक्षण प्रदान कर सकें। दिव्यांग युवाओं को कौशल नवाचार में पूर्ण प्रशिक्षित कर, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की राज्य सरकार की पहल यह साकार रूप लेती दिखाई पड़ती है, जहां दिव्यांग युवाओं के जीवन को नई दिशा मिल रही है।

नवाचार समृद्ध छत्तीसगढ़ गढ?े की दिशा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा जिला प्रशासन के माध्यम से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के दिव्यांग युवाओं को चिन्हित कर उन्हें मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत एल.ई.डी.बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त कर अब हुनरमंद युवा स्वयं भी आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं और दूसरों को भी आर्थिक स्वालंबन की दिशा में बढ?े के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित कर रहे हैं।

जशपुर नगर के निर्माण केंद्र में दिव्यांग युवाओं द्वारा निर्मित एल.ई.डी. बल्ब, इमरजेंसी लाइट, साउंड बॉक्स, टी.बल्ब जैसे अन्य उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने और बाजारों में आसानी से उपलब्ध करवाने की कोशिश जिला प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही है। इस कड़ी में ूूूण्कपहपंइसमकण्बवउ नाम की वेबसाइट भी बनाई गई है, यहां से उत्पादों की आसानी से खरीदी की जा सकती है।