लखनऊ
भाजपा ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वह मतदान स्थल पर मतदाताओं को स्विच ऑफ करके मोबाइल रखने की अनुमति प्रदान करें। ऐसा न होने पर प्रत्येक बूथ के बाहर हेल्प डेस्क या बीएलओ के पास फोन जमा करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। शुक्रवार को इस संबंध में बीजेपी के प्रदेश महामंत्री एवं चुनाव प्रबंधन प्रभारी जेपीएस राठौर, चुनाव आयोग संपर्क विभाग के प्रदेश संयोजक अखिलेश अवस्थी और सह-संयोजक नितिन माथुर व प्रखर मिश्र के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग से मिले प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से अलग से निर्देश जारी किए जाने की मांग उठाई।
प्रदेश महामंत्री राठौर ने बताया कि बूथ पर तैनात सुरक्षाकर्मी मोबाइल के साथ मतदाता को मत डालने की अनुमति नहीं देते हैं। मतदाता से फोन वापस रखकर आने को कहा जाता है। परिणामस्वरूप मतदाता वोट डालने दोबारा मतदानस्थल पर नहीं आता है। ऐसी शिकायतें बहुतायत में मिली हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि मतदान स्थल पर मोबाइल फोन जमा करने की कोई सुविधा ना होने की वजह से मतदान में काफी बाधा आ रही है क्योंकि मतदाता अनजाने में मोबाइल फोन अपने साथ रखता है। वैसे भी बिना मोबाइल के रहना आजकल व्यवहारिक नहीं है।
आयोग द्वारा पोलिंग को बढ़ावा देने के लिए बूथों के बाहर सेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए हैं। ऐसे में यदि मोबाइल लेकर आने की अनुमति ही नहीं रहेगी तो आयोग का सेल्फी प्वाइंट बनाना व्यर्थ या अव्यवहारिक रहेगा। इसलिए आयोग से मांग की गई है कि वह मतदाताओं को पोलिंग बूथ के भीतर मोबाइल स्विच ऑफ मोड में रखकर मतदान करने की अनुमति प्रदान करे या मतदानस्थल पर फोन जमा करने की सुविधा दी जाए।
सेल्फी प्वाइंट तक ले जा सकते हैं मोबाइल
मिर्जापुर के डीएम ने चुनाव कार्मिकों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि बूथ के अंदर किसी भी एजेंट या मतदाता को मोबाइल फोन ले जाना प्रतिबंधित रहेगा। मतदान केंद्र परिसर एवं बूथ के बाहर लगभग 200 से 250 बूथों पर सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे। सेल्फी प्वाइंट तक मोबाइल ले जाकर मतदाता अपनी सेल्फी खींच सकते हैं।