इस वर्ष भी बंदियों को बहनें प्रत्यक्ष तौर पर नहीं बांध सकेंगी राखी

दंतेवाड़ा
जिला जेल के बंदियों को इस बार भी रक्षाबंधन पर उनकी बहनें राखियां नहीं बांध सकेंगी। कोरोना संक्रमण के मामले अब भी मिलने के कारण जेल प्रशासन ने यह बंदिश जारी रखी है। कोविड संक्रमण की पहली लहर के वक्त से रक्षाबंधन पर यह बंदिश लगाई गई है। लगातार यह तीसरा वर्ष है, जब बंदियों को बहनें प्रत्यक्ष तौर पर राखी नहीं बांध सकेंगी। जेल प्रशासन इसके एवज में बंदियों को रक्षाबंधन पर प्रिजन कॉलिंग या वीडियो कॉलिंग के जरिए उनकी बहनों से बात करने का मौका दिलाएगा। रक्षाबंधन के दिन सुबह 09 बजे से शाम 06 बजे तक यह व्यवस्था रहेगी। सामान्य कॉलिंग के लिए जेल के लैंडलाइन फोन और वीडियो कॉलिंग के लिए 02 मोबाइल नंबरों की व्यवस्था की गई है।

जेल अधीक्षक जीएस शोरी ने बताया कि बीते वर्ष भी करीब ढाई सौ बंदियों को रक्षाबंधन पर अपनी बहनों से बात करने का मौका दिया गया था। चूंकि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, लिहाजा स्वास्थ्य विभाग और जेल विभाग से जारी गाइडलाइन के अनुसार रक्षाबंधन पर बहनों को प्रत्यक्ष रूप से राखी बांधने की जगह प्रिजन कॉलिंग या वीडियो कॉलिंग से बात करने की सुविधा दी जाएगी। बहनों द्वारा अपने बंदी भाईयों को भेजी गई राखियों को सेनिटाइज करने के बाद ही बंदियों को उपलब्ध करवाया जाएगा, ताकि संक्रमण की कोई गुंजाईश बाकी न रहे।    

उल्लेखनीय है कि जिला जेल दंतेवाड़ा में विभिन्न मामलों के 630 बंदी रखे गए हैं। जिनमें ज्यादातर ऐसे बंदी हैं, जो दूरस्थ व सुविधा विहीन गांवों के निवासी हैं और अपने परिजनों से रक्षाबंधन पर भी मोबाइल पर संपर्क नहीं कर पाते हैं।