रायपुर
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने आज मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम स्कूलों में प्राचार्यों और शिक्षकों के पद शीघ्र भरने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए। डॉ. शुक्ला ने कहा कि शिक्षक विहीन स्कूलों में पदस्थापना के प्रस्ताव 11 अप्रैल तक प्रेषित कर दें।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्राचार्यों और अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों, इन्हीं अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में हिन्दी विषय के बच्चों के लिए हिन्दी माध्यमों के शिक्षकों और आगामी शिक्षा सत्र से शुरू होने वाले हिन्दी माध्यम स्कूलों के लिए प्राचार्य और शिक्षकों के पदों की भर्ती शीघ्र की जाए। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त नहीं रहने चाहिए। शिक्षा विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय से इन पदों की पूर्ति सुनिश्चित करें। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिन्दी माध्यम के शिक्षकों के पद वहीं हैं जो जिला शिक्षा अधिकारियों ने प्रस्तावित किए हैं। यदि कहीं और पद चाहिए तो प्रस्ताव दे सकते हैं। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शिक्षकों का संलग्नीकरण नहीं करना है। जहां से वेतन मिलेगा वहीं वे काम करेंगे। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों का संचालन कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति द्वारा किया जा रहा है। स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूलों में प्राचार्यों के पदों की पूर्ति के प्रस्ताव 11 अप्रैल तक और शिक्षकों के प्रस्ताव 18 अप्रैल तक भेज दें। इन पदों की पूर्ति इसी माह के अंतिम सप्ताह तक कर ली जाए ताकि आगामी माह में प्राचार्यों को प्रशिक्षण दिया जा सके। उन्होंने इन स्कूलों के प्राचार्यों और शिक्षकों के प्रशिक्षण के तैयारी के लिए राज्य राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को निर्देशित किया। इन विद्यालयों से संबंधित जानकारी पोर्टल में अपडेट रखी जाए।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. शुक्ला ने कहा कि इसी प्रकार शिक्षक विहीन स्कूलों में परीक्षण कर पदस्थापना के प्रस्ताव 11 अप्रैल तक भेज दें। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा कि निजी स्कूलोंं द्वारा नियम विरूद्ध 8 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि की शिकायत पर आवश्यक कार्यवाही करें। शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण करें। विभाग के पोर्टल के आधार पर योजनाओं की मानिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों का सत्यापन कर पात्रता के अनुसार भुगतान किया जाए। जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जिनका भुगतान किया जा रहा है वह बच्चा पात्र हो और स्कूल में पढ़ता हो। इसके लिए पोर्टल से बच्चों की स्कूल वार सूची निकालकर दो सप्ताह के भीतर शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन कर लें। अनियमितता पाए जाने पर संबंधित संस्था के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही की जाए।
बैठक में सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. कमलप्रीत सिंह, संयुक्त सचिव स्कूल शिक्षा राजेश सिंह राणा, संचालक लोक शिक्षण सुनील जैन सहित सभी संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे।