
पटना
बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब गन्ना पर भी क्षति का अनुदान मिलेगा। उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि गन्ना फसल क्षति पर सिंगल विंडो से अनुदान दिया जाएगा। इस वर्ष से कृषि विभाग को अन्य फसलों के साथ-साथ गन्ना की क्षति के आकलन करने के लिए ऑनलाइन आवेदन लेकर अनुदान भुगतान का दायित्व सौंपा गया है। श्री प्रसाद बामेती के सभागार में राज्यस्तरीय गन्ना किसान संगोष्ठी ‘बिहार में गन्ना एवं चीनी उत्पादन: चुनौती, सम्भावनाएं एवं अवसर’का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं बिहार शुगर मिल्स एसोसिएशन की आपसी सहमति से गन्ना कृषकों की हितों को देखते हुए पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ने के मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। उत्तम प्रभेद का मूल्य 335 रुपये एवं सामान्य प्रभेद का मूल्य 315 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। निम्न प्रभेद की दर 13 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि के साथ 285 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने गन्ना मंत्री से अनुरोध किया कि आर्गेनिक ईंख उत्पादन के साथ-साथ आर्गेनिक गुड़ का उत्पादन भी गन्ना किसान/इच्छुक उद्यमियों कराया जाये। कृषि विभाग अपने स्तर से भी इसमें हरसंभव सहायता प्रदान करेगा। गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि पेराई सत्र 2020-21 में चीनी रिकवरी 10.04 प्रतिशत एवं आच्छादन 2.70 लाख हेक्टर है। वर्ष 2021-22 में चीनी रिकवरी 10.50 प्रतिशत एवं आच्छादन लगभग 3.00 लाख हेक्टेयर अनुमानित है। कार्यक्रम के दौरान गन्ना उद्योग एवं विधि विभाग की डायरी 2022 का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में कृषि एवं गन्ना विभाग के सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार, ईंखायुक्त गिरिवर दयाल सिंह, बैद्यनाथ यादव, सावन कुमार, ओंकारनाथ सिंह आदि मौजूद थे।