गोरखपुर
मुर्तजा अब्बासी के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के साक्ष्य मिलने पर ही गैर कानूनी गतिविधियां अधिनियम (यूएपीए) की धाराएं बढ़ाई गई हैं। इससे मुर्तजा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसके तहत न सिर्फ आजीवन कारावास की सजा तक का प्रावधान है, बल्कि जमानत भी मुश्किल होती है। किन पर लगाया जाता है यूएपीए: यूएपीए के तहत पुलिस ऐसे अपराधियों को चिह्नित करती है, जो आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं, इसके लिए लोगों को तैयार करते हैं या फिर ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।
इस कानून का मुख्य उद्देश्य आतंकी गतिविधियों को रोकना होता है। इस कानून में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को काफी अधिकार दिए गए हैं। यह कानून वर्ष 1967 में लाया गया था, लेकिन अगस्त 2019 में संशोधन के बाद यह कानून और मजबूत हुआ। पहले इस कानून के तहत किसी संगठन को ही आतंकवादी घोषित किया जा सकता था।
बदला लेने की नीयत से मुर्तजा ने किया हमला
मुर्तजा के पास से पुलिस ने जांच के दौरान मजहबी किताब, धारदार हथियार आदि बरामद किया है। उसने एटीएस के सामने पूछताछ में कबूल किया है कि वह देश में चल रहे हिजाब मामले, सीएए व एनआरसी आदि को लेकर गुस्से में था। इसका बदला लेने के लिए उसने हमला कर दिया।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि मुर्तजा पर विवेचना के बाद यूएपीए की धाराएं बढ़ाई गई हैं। एनआईए इस केस को ले सकती है। फिलहाल इस मामले की विवेचना यूपीएटीएस कर रही है।