गया
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता और बढ़ते प्रदूषण के विरुद्ध जन जागरूकता को लेकर ''ग्वाभा मैन'' के नाम से मशहूर सत्येंद्र गौतम मांझी का बोध गया से पटना का पदयात्रा कार्यक्रम शनिवार को शुरू हुआ। बोधगया के कालचक्र मैदान से पर्यावरण प्रहरियों का जत्था अपनी मंजिल के लिए निकल गया। इस दौरान प्रकृति को हरा भरा रखने का संदेश देने के लिए सभी लोगों ने अपने हाथों में एक-एक पौधा थाम रखा था। इससे पहले सत्येंद्र मांझी ने महाबोधि मंदिर स्थित भगवान बुद्ध को नमन किया। पदयात्रा में उनके साथ दर्जनों पर्यावरण प्रेमी इनके जत्था में शामिल हैं।
7 दिनों में पूरी करेंगे अपनी यात्रा
सत्येंद्र मांझी की यह पदयात्रा 7 दिनों में पूरी होगी। इस बीच उनका अलग-अलग जगहों पर सात पड़ाव स्थल होगा। जहां वह रुककर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूकता और बढ़ते प्रदूषण के दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को जानकारी देंगे। रात्रि पड़ाव के कार्यक्रम में पर्यावरण गीत और पेड़- पौधों से जुड़ी हुई किस्से- कहानियां भी सुनाई जाएगी। पर्यावरण जागरूकता की यह पदयात्रा रविवार को गांधी मैदान,गया पहुंचेगी। यहां से कारवां बेलागंज, जहानाबाद, मसौढ़ी के रास्ते पटना पहुंचेगी। इस पूरी पदयात्रा में जगह-जगह लोगों के बीच पौधों का भी वितरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री और वन एवं पर्यावरण मंत्री से भी मिलेगा जत्था
सत्येंद्र मांझी के बेलागंज प्रखण्ड स्थित इमलियाचक गांव की नर्सरी में करीब 50 हजार अमरुद, कटहल व जामुन के पौधे हैं। जिनका वह वितरण करेंगे। पटना पहुंचकर पर्यावरण जागरूकता का यह जत्था मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वन एवं पर्यावरण मंत्री से भी मिलेगा। बता दें कि सत्येंद्र गौतम मांझी पर्वत पुरुष दशरथ मांझी को अपना आदर्श मानते हैं,। वह पर्यावरण का संरक्षण के लिए समय-समय पर इस तरह का जागरूकता कार्यक्रम करते रहे हैं।