कानपुर
आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का मानना है कि चुनाव के दौरान होने वाली रैलियां कोरोना संक्रमण फैलाने में मददगार साबित हो सकती हैं, क्योंकि इनमें कोविड गाइडलाइंस का पालन आसान नहीं होता। उनका दावा है कि अप्रैल तक तीसरी लहर खत्म हो जाएगी।
हिन्दुस्तान से बातचीत में प्रो. अग्रवाल ने कहा कि चुनावी रैलियों में बड़ी संख्या में लोग गाइडलाइन का पालन किए बगैर पहुंचते हैं, ऐसे में संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। ऐसे में एहतियात बरतने की जरूरत है। यदि रैलियां होती हैं तो संक्रमण समय से पहले तेजी पकड़ सकता है। उनका कहना है कि चुनाव को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। इसका अधिकार जिन संस्थाओं के पास है, वह निर्णय लेंगी। बस सभी को अलर्ट रहना होगा। अपने गणितीय मॉडल के आधार पर कोरोना महामारी के बारे में बताने वाले मणींद्र अग्रवाल के मुताबिक भारत में जनवरी में तीसरी लहर आएगी, मार्च में 1.8 लाख केस रोज आ सकते हैं। राहत की बात यह रहेगी कि हर 10 में से 1 को ही अस्पताल की जरूरत पड़ेगी। मार्च के मध्य में दो लाख बेड की जरूरत होगी।
अफ्रीका से तुलना दे रही राहत
प्रो. मणींद्र ट्वीट में कह चुके हैं कि अफ्रीका और भारत में 80 फीसदी जनसंख्या 45 वर्ष से नीचे वाली है। दोनों ही देशों में नेचुरल इम्युनिटी 80 फीसदी तक है। दोनों ही देशों में डेल्टा वेरिएंट म्यूटेंट के कारण रहा है। उन्होंने दावा किया, दक्षिण अफ्रीका की तरह भारत में भी अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना कम है।