वाराणसी
ज्ञानवापी परिसर के शुरुआती दो दिनों की सर्वे रिपोर्ट बुधवार देरशाम सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में पेश कर दी गई। कोर्ट कमिश्नर के तौर पर काम करने वाले अजय कुमार मिश्र की दो पेज की इस रिपोर्ट को अदालत ने रिकॉर्ड में ले लिया। 14 से 16 मई के बीच की सर्वे रिपोर्ट गुरुवार को पेश होनी है। इसकी जिम्मेदारी स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह को दी गई है।
उधर, ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे प्रकरण से ही जुड़ी दो अर्जियों पर बुधवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रविकुमार दिवाकर की कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। वकीलों के न्यायिक कार्य बहिष्कार के कारण गुरुवार की तारीख पड़ गई। वाराणसी में एक शासकीय पत्र में प्रयोग की गई भाषा के विरोध में वकील हड़ताल पर रहे।
सुप्रीम कोर्ट में भी सर्वे रोकने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई गुरुवार को ही तय है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों व यूपी सरकार को नोटिस भी जारी किया था। शृंगार गौरी व अन्य विग्रहों की स्थिति एवं उनके दर्शन-पूजन के अधिकार से संबंधित याचिका पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का आदेश सिविल कोर्ट ने दिया था। इसके लिए कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र को बनाया गया। कतिपय विवाद के बाद स्पेशल और सहायक कमिश्नर को भी उनके सहयोग के लिए नियुक्त किया गया। कोर्ट द्वारा मंगलवार को अजय मिश्र को हटाए जाने के बाद शेष तीन दिनों के सर्वे रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी स्पेशल कमिश्नर विशाल सिंह पर है।
ज्ञानवापी प्रकरण में वादी पक्ष की महिलाओं ने कोर्ट से उस तहखाने का भी सर्वे कराने का आग्रह किया है जो वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूरब की ओर बंद पड़ा है। इसके अलावा जिला शासकीय अधिवक्ता ने वजू के लिए बने कृत्रिम तालाब की मछलियों और वहां की पाइप लाइन को शिफ्ट कराने के लिए अर्जी दी है। इन दोनों अर्जियों पर गुरुवार को सुनवाई होनी है।