मेरठ
लड़कियों का कम उम्र में मां बनने का आंकड़ा मेरठ में तेजी से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से कराए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में इसका खुलासा हुआ है। 2019-21 सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 15 से 19 साल की उम्र में मां बनने की दर 2.4 फीसदी पहुंच गई है। 2015-16 में ये दर 2 प्रतिशत थी। विशेषज्ञों के मुताबिक, इससे लड़कियों को कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती हैं।
बाल विवाह की दर 7.6 फीसदी
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 7.6 फीसदी बेटियां बाल-विवाह की शिकार हैं। बीते पांच साल में तमाम जागरुकता अभियान और योजनाओं में करोड़ों खर्च करने के बाद भी बाल विवाह की दर में मात्र 1.3 फीसदी की कमी आई है। 2015-16 में यह आंकड़ा 8.9 प्रतिशत था।
जच्चा-बच्चा के विकास में बाधक
चिकित्सकों के मुताबिक, कम उम्र में मां बनने से जच्चा और बच्चा दोनों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा आती है। एनीमिया, उच्च रक्तचाप, मेंटल डिसऑर्डर तक हो सकती हैं। महिलाओं को प्रसव के दौरान भी कई तरह की समस्या आ सकती है। मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है।