पटना
बिहार में कोरोना की दूसरी लहर से तीसरी लहर कमजोर है। राज्य में 22 मार्च को कोरोना की पहली लहर शुरू हुई और पहले कोरोना संक्रमित मरीज की पहचान की गई थी। पहली लहर की शुरुआत के 15 दिनों के अंदर कुल 30 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हुई। औसतन दो संक्रमित मरीज प्रतिदिन मिले थे। जबकि कोरोना की दूसरी लहर भी कमोबेश इसी समय पर शुरू हुई थी। कोरोना की दूसरी लहर के 15 दिनों के अंदर 5410 नए संक्रमित मरीजों की पहचान की गई थी। दूसरी लहर के दौरान औसतन प्रतिदिन 360 नए संक्रमित मिले थे। जबकि कोरोना की तीसरी लहर 20 दिसंबर, 2021 से लेकर 03 जनवरी तक कुल 1502 नए संक्रमित मरीजों की पहचान हुई। तीसरी लहर के दौरान औसतन प्रतिदिन 100 नए संक्रमित मिले।
संक्रमण दर में भी तुलनात्मक रूप से है अंतर
बिहार में कोरोना संक्रमण के पहले, दूसरे व तीसरे चरणों के तुलनात्मक अध्ययन में संक्रमण दर में भी अंतर स्पष्ट है। कोरोना की पहली लहर के शुरुआती दिनों में 18 अप्रैल 2020 को 10 हजार सैंपल की जांच हुई थी और 86 संक्रमित थे और संक्रमण दर 0.86 प्रतिशत थी। जबकि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 13 अप्रैल को ही 93,523 सैंपल की कोरोना जांच हुई और 4157 संक्रमित मरीज मिले थे। इस समय संक्रमण दर 4.44 फीसदी दर्ज की गई थी। जबकि कोरोना की तीसरी लहर के दौरान 03 जनवरी को कोरोना संक्रमण की दर 0.29 फीसदी थी।