कानपुर हिंसा फंडिंग के आरोप में बाबा बिरयानी गिरफ्तार

    कानपुर
 

कानपुर में जुमे के दिन हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने मशहूर रेस्त्रां बाबा बिरयानी के मालिक मुख़्तार बाबा को हिरासत में ले लिया है. पुलिस का दावा कि मुख़्तार बाबा ने हिंसा के मुख्य आरोपी गया जफर हयात हाशमी को फंड दिया था. मुख़्तार बाबा पर कई क्रिमिनल केस दर्ज हैं. जल्द ही एसआईटी हिंसा के और भी आरोपियों को गिरफ्तार कर सकती है.

बता दें कि जांच एजेंसियों की पूछताछ में हिंसा के मास्टरमाइंड जफर हयात हाशमी ने कई बड़े नाम उगले थे. उन्हीं में से एक बाबा बिरयानी का नाम क्राउडफंडिंग से जुड़ा था. बाबा बिरयानी ने पत्थरबाजी के लिए बुलाए गए लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था और फंडिंग में मदद की थी. यही नहीं, शत्रु संपत्ति और प्राचीन मंदिर के एक हिस्से पर कब्जा कर बिरयानी की दुकान खोलने के मामले में भी बाबा बिरयानी का नाम आ चुका है.

क्या है कानपुर हिंसा?
3 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर में बवाल हुआ था. दो समुदाय आमने-सामने आ गए थे और कुछ ही देर में हिंसा भड़क गई थी. दोनों पक्षों की तरफ से पथराव किया गया. यहां दुकानें बंद कराने को लेकर विवाद की शुरुआत हुई थी. घटना के बाद सरकार एक्शन मोड में है. मामले में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. हिंसा में उपद्रवियों ने पेट्रोल बम का भी इस्तेमाल किया था. जांच के बाद पता चला कि हिंसा से ठीक पहले पेट्रोल पंपों से पेट्रोल खरीदा गया था.

कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
इस विवाद की शुरुआत बीजेपी से निलंबित की जा चुकीं प्रवक्ता नूपुर शर्मा के एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी से हुई थी. उनके बयान के विरोध में कानपुर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बाजार बंद बुलाया था. इसी दौरान दुकानों को बंद कराए जाने को लेकर बवाल हो गया था जिसके बाद हिंसा भी हुई थी. बाद में भारतीय जनता पार्टी ने धर्म विशेष को लेकर नूपुर के बयान से किनारा करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था.

57 लोगों को भेजा जा चुका है जेल
पुलिस ने इस मामले में अब तक 13 एफआईआर दर्ज की हैं. अब तक 57 लोगों को जेल भी भेजा जा चुका है. मुख्य आरोपी जफर हयात और उसके साथी को पुलिस ने कानपुर जेल से दूसरे जिलों की जेलों में शिफ्ट कर दिया है.