जांजगीर
राज्य शासन द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जोर शोर से की जा रही है जो लगभग अंतिम चरण पर है, लेकिन खरीदी केंद्रों से धान का उठाव सही समय पर नहीं हो पा रहा है खरीदी केंद्रों में सफेद प्लास्टिक बोरा मे धान का अंबार लगा हुआ है, प्लास्टिक बोरी में रखे धान को मिलर ही उठाव कर रहे हैं जबकि संग्रहण केंद्र जूट वाले बोरे में रखे धान का उठाव कर रहे हैं, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर शाखा शक्ति के अंतर्गत आने वाले धान खरीदी केंद्र झालरौंदा में इन दिनों धान का अंबार लगा हुआ है धान का उठाव समय पर नहीं होने से समिति प्रभारियों को काफी परेशानियों का सामना इन दोनों करना पड़ रहा है ,धान खरीदी केंद्र झालरौंदा में अब तक 33181.60क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है।
मुख्यमंत्री द्वारा धान खरीदी की समय सीमा 7 फरवरी तक बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद किसानों में इसका उत्साह दिखाई दे रहा है। जिसमें से 13500 क्विंटल धान मिलर को प्रदान किया गया है वही 6660 क्विंटल धान संग्रहण को प्रदान किया गया है जबकि 13021. 60 क्विंटल धान झालरौंदा में अभी भी जाम पड़ा है, जबकि यहां का बफर लिपिड 6600 क्विंटल है,समिति में धान का उठाव नहीं होने पर जगह की कमी भी बनी हुई है वहीं झालरौंदा खरीदी केंद्र का डीओ टीओ भी उल्टा सीधा कट रहा है, झालरौंदा खरीदी केंद्र में 9000 क्विंटल धान प्लास्टिक बोरा में रखा हुआ है, इस खरीदी केंद्र में टीओ तो कटा है लेकिन यहां सबसे ज्यादा धान प्लास्टिक बोरे में रखा है जिसके कारण संग्रहण इन बोरों का उठाव नहीं कर रहा है जबकि पूरा सिस्टम आॅनलाइन है।
जब खरीदी केंद्र में 9000 क्विंटल से ज्यादा धान प्लास्टिक बोरा में रखा है तो टीओ का कटना समझ से परे है जबकि होना यह चाहिए था कि इस खरीदी केंद्र में डीओ कटता तो मिलर धान का उठाव करते लेकिन यहां उल्टा हो रहा है जिसका खामियाजा खरीदी केंद्र प्रभारी को भुगतना पड़ रहा है कुछ ऐसी ही स्थिति जिले के अन्य धान खरीदी केंद्रो में बनी हुई है, खरीदी केंद्रों में धान के प्लास्टिक बोरी का अंबार देखा जा सकता है, जब संग्रहण इन प्लास्टिक बोरी में रखे धान का उठाव नहीं कर रहा है तो फिर टी ओ कटना समझ से पर है। जिसका खामियाजा धान खरीदी केंद्र प्रभारियों को इन दिनों उठाना पड़ रहा है।