लखनऊ
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात ने सियासी सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। अटकलें लगाई जाने लगी थी कि यादव भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 'फिलहाल के लिए' इन बातों को खारिज किया है। खबर है कि विधायकों की बैठक में नहीं बुलाए जाने के चलते यादव अपने भतीजे अखिलेश यादव से नाराज हैं।
न्यूज18 से बातचीत में मौर्य ने यादव के भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर कहा, 'अभी तो हमारे यहां ऐसी कोई वैकेंसी नहीं है।' हाल ही में यादव, भतीजे खिलेश की तरफ से बुलाई गई सहयोगी दलों की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। शिवपाल समाजवादी पार्टी के संस्थापक और अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। उन्होंने कहा, 'योगी आदित्यनाथ हमारे मुख्यमंत्री हैं और कोई भी उनसे मुलाकात कर सकता है। फिर चाहे वे राहुल गांधी, प्रियंका गांधी हों… और अखिलेश यादव भी उनसे मिल चुके हैं।'
फिर अलग होंगी राहें!
एनडीटीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि यूपी चुनाव हारने के कुछ दिन बाद ही शिवपाल यादव अपने भतीजे के साथ गठबंधन करने वाले हैं। उन्होंने कथित तौर पर अपनी पार्टी के नेताओं से मुलाकात की और 'बड़ी जंग के लिए तैयार रहने को' कहा। रिपोर्ट के अनुसार, यादव ने कथित तौर पर 24 मार्च को अखिलेश से मुलाकात की थी और समाजवादी पार्टी में बड़े पद की इच्छा जताई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि अखिलेश ने चाचा को याद दिलाया था कि वे सहयोगी हैं, सपा के सदस्य नहीं।
दिसंबर में अखिलेश ने घोषणा की थी कि सपा और उनके चाचा की पार्टी मिलकर यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। खास बात है कि दोनों नेता करीब 5 सालों के बाद साथ आए थे। उस दौरान यादव ने सियासी खींचतान के चलते अखिलेश से राहें अलग कर ली थी। 2012-17 की अखिलेश सरकार में यादव को दूसरा सबसे ताकतवर मंत्री माना जाता था।